सदगुरु
या इष्ट का ध्यान करते हुए निम्नलिखित शिव-गायत्री मंत्र की एक माला सुबह अथवा शाम
की संध्याओं में कभी भी कुछ दिन जपने से पितृदोष, कष्ट-बाधा दूर हो जाते हैं तथा
पितर भी प्रसन्न होते हैं | जब पितर प्रसन्न होते हैं तो घर में सुख-समृद्धि,
वंशवृद्धि व सर्वत्र उन्नति देते हैं |
मंत्र :
ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि | तन्नो रुद्र: प्रचोदयात् ||
(लिंग पुराण, उत्तर भाग :४८.७)
ऋषिप्रसाद – फरवरी २०२२ से
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