२३ फरवरी
: बुधवारी अष्टमी ( शाम ४:५७ से २४ फरवरी सूर्योदय तक)
२७ फरवरी
: त्रिस्पृशा-विजया एकादशी ( इस दिन उपवास
से १००० एकादशी व्रतों का फल)
१ मार्च
: महाशिवरात्रि व्रत, रात्रि- जागरण, शिव-पूजन (निशिथकाल : रात्रि १२:२६ से १:१५
तक)
२ मार्च:
द्वापर युगादि तिथि ( स्नान, दान-पुण्य, जप, हवन से अनंत फल की प्राप्ति होती है
|)
१३ मार्च
: रविपुष्यामृत योग ( रात्रि ८:०६ से १४ मार्च सूर्योदय तक)
१४ मार्च
: आमलकी एकादशी ( व्रत करके आँवले के वृक्ष के पास रात्रि-जागरण, उसकी १०८ या २८
परिक्रमा करने से सब पापों का नाश व १००० गोदान का फल ), षडशीति संक्रान्ति (
पुण्यकाल : दोपहर १२:४८ से सूर्यास्त तक) (ध्यान, जप व पुण्यकर्म का ८६,००० गुना
फल )
ऋषिप्रसाद – फरवरी २०२२ से
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