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Thursday, January 14, 2010

मेवों द्वारा बल व स्वास्थ्य की प्राप्ति

  • अखरोट :- १० अखरोट को गाय के घी में भून कर मिश्री मिलाकर खाने से स्मरण शक्ति तीव्र होती है l मानसिक थकावट दूर हो जाती है l लहसुन के साथ पीसकर घी में भूनकर खाने से क्षयरोग (टी.बी.) में बहुत लाभ होता है l २० ग्राम अखरोट, मिश्री व केसर दूध में मिलाकर पीने से नपुंसकता में लाभ होता है l मुंह के लकवे में अखरोट के तेल की मालिश करने से आराम मिलता है l
  • अंजीर :- अंजीर में लौह प्रचुर मात्रा में होने से रक्त की वृद्धि होती है l यह रक्त की शुद्धि भी करता है l इसमें निहित विटामिन "ए" नेत्रज्योति की सुरक्षा करता है l अंजीर में पेट के मल को निष्कासित करने की विशेष क्षमता है l पुरानी खांसी, दमा, टी.बी., रक्तपित्त, पुराना गठिया रोग, बवासीर, पित्तजन्य त्वचाविकारों में अंजीर का सेवन लाभदायी है l २ सूखे अंजीर रात को पानी में भिगोकर सुबह और सुबह भिगोकर शाम को खाने से इन व्याधियों में लाभ होता है l
  • बादाम :- स्मरणशक्ति व नेत्रज्योति की वृद्धि के लिए बादाम बहुत उपयोगी है l यह उत्कृष्ट वायुशामक व सप्तधातुवर्धक है l ५ भीगे हुए बादाम छिलके उतारकर २-३ काली मिर्चे के साथ खूब पीसकर मक्खन-मिश्री अथवा दूध के साथ सेवन करने से स्मरंशक्ति व नेत्रज्योति बदती है l बादाम का तेल नाक में डालने से मस्तिष्क को शीघ्र ही बल मिलता है l इससे सिरदर्द भी मिट जाता है l इसका निरंतर प्रयोग हिस्टीरिया में बहुत लाभदायी है l गर्भवती स्त्री को ९वां महीना लगते ही १० ग्राम बादाम का तेल दूध व मिश्री के साथ देने से प्रसव सुलभ हो जाता है l
  • पिस्ता :- सूखे मेवों में आँतों को बल प्रदान करने में पिस्ता सर्वोत्तम है l
सावधानी : सूखे मेवों का सेवन विशेषतः सर्दियों में तथा मात्रावत करना उचित है l

Rishi Prasad –Dec. 2009

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