पिशाचमोचन श्राद्ध तिथिः मार्गशीर्ष शुक्ल चतुर्दशी
इस दिन प्रेत योनि को प्राप्त जीवों (पूर्वजों) के निमित्त तर्पण आदि करने से उनकी सदगति होती है |जिनके घर-परिवार, आस-पडोस या परिचय में किसी की अकाल मृत्यु हुई हो या कोई भूत-प्रेत अथवा पितृबाधा से पीड़ित हो, वे पिशाच मोचिनी तिथि को उनकी सदगति, आत्मशांति और मुक्ति के लिए संकल्प करके श्राद्ध - तर्पण अवश्य करें | भूत-प्रेतादिक से ग्रस्त व्यक्ति इसे अवश्य करें |
विधिः प्रातः स्नान के बाद दक्षिणमुख होकर बैठें। तिलक, आचमन आदि के बाद पीतल या ताँबे के थाल अथवा तपेली आदि मे पानी लें। उसमें दूध, दही, घी, शक्कर, शहद, कुमकुम, अक्षत, तिल, कुश मिलाकर रखें। हाथ में शुद्ध जल लेकर संकल्प करें कि ʹअमुक व्यक्ति (नाम) के प्रेतत्व निवारण हेतु हम आज पिशाचमोचन श्राद्ध तिथि को यह पिशाचमोचन श्राद्ध कर रहे हैं।ʹ हाथ का जल जमीन पर छोड़ दें। फिर थोड़े काले तिल अपने चारों ओर जमीन पर छिड़क दें कि भगवान विष्णु हमारे श्राद्ध की असुरों से रक्षा करें। अब अनामिका उँगली में कुश की अँगूठी पहनकर (ʹૐ अर्यमायै नमःʹ) मंत्र बोलते हुए पितृतीर्थ से 108 तर्पण करें अर्थात् थाल में से दोनों हाथों की अंजली भर-भर के पानी लें एवं दायें हाथ की तर्जनी उँगली व अँगूठे के बीच से गिरे, इस प्रकार उसी पात्र में डालते रहें। (तपर्ण पीतल या ताँबे के थाल अथवा तपेली में बनाकर रखे जल से करना है।)
108 तर्पण हो जाने के बाद दायें हाथ में शुद्ध जल लेकर संकल्प करें कि सर्व प्रेतात्माओं की सदगति के निमित्त किया गया, यह तर्पणकार्य भगवान नारायण के श्रीचरणों में समर्पित है। फिर तनिक शांत होकर भगवद्-शांति में बैठें। बाद में तर्पण के जल को पीपल में चढ़ा दें।
Eve for slaying Demoniac souls :-
Eve for slaying Demoniac souls: Margshirsh Shukla Chaturdashi
Offering Tarpan on this day provides gratification and spiritual upliftment of prior souls trapped in demoniac realms. If someone in your family or neighbourhood has passed away accidentally, or if someone is troubled by ill fortune of forefathers, one must undertake Shraadh austerities on this day to offer upliftment, peace and freedom to their souls. If someone is possessed by ghosts, he should certainly perform the rites.
Procedure: Take a bath in early morning and sit down facing south. Apply tilak, cleanse your mouth with water, then take a little water in a brass or copper plate. Put some milk, curd,ghee, sugar, honey, kumkum, rice grains, sesame seeds, grass blades on the plate all mixed together. Take pure water in your hand and then make a resolution: For the benefit of peace for "this person", today, on this eve of Pishaachmochini Shraadh Tithi, I am now performing these rites.
Release the water from your palm slowly onto the ground. Then sprinkle a few black sesame seeds around you on all sides and onto the ground and pray to Lord Vishnu to protect this person from demoniac tendencies. Then, wrap a blade of grass on your ring finger to form a ring and then offer 108 times oblation to your ancestral realm i.e. take the mixed water from plate using both your hands and then release the contents between the thumb and index finger of your right hand. Recite "AUM ARYAMAYAYEE NAMAH" during this rites. (These rites must be done using water kept in brass or copper plates or bowls)
After 108 rites are over, take pure water in your right hand and pray that I offer the rites conducted for spiritual upliftment of all souls, at the feet of Lord Narayana. Then, meditate silently for sometime in spiritual peace. After all rites are over, release the remaining contents at the base of Peepal tree.
Date :- 16th Dec'13
स्रोतः लोक कल्याण सेतु, वर्ष 11, अंक 125, नवम्बर 2007
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