रात को सोने (की जगह पर आप का पश्चिम में सिरहाना न हो...अगर पश्चिम के तरफ सिर है तो आपका चिंता पीछा नहीं छोड़ेगी | उत्तर के तरफ सिर है तो बीमारी ...अकाल मृत्यु का खौफ आप के तरफ बढ़ता रहेगा | पूर्व अथवा तो दक्षिण में सिरहाना करो ) से पहले जैसे कोई बड़े श्रेष्ठ में श्रेष्ठ व्यक्ति से, प्यारे से प्यारे व्यक्ति से मिलने जाओ ...उससे भी हजार गुना प्यारा अपना दिलबर है मैं उससे मिलने जा रहा हूँ | नींद की भावना छोड़ दो | मैं प्रभु से मिलने जा रहा हूँ | दिन भर जो अच्छा काम किया नारायण तुम को अर्पण | मैं आपका हूँ आप मेरे हो ...जरा भगवान के साथ छेड़खानी करो ... मोहब्बत करो ....हे अचुत ! हे नारायण ! हे गोविन्द ! ॐ नारायण ! ....तुम चार मिनट निकालो सोने से पहले ....एक हाथ मेरा है और एक प्रभु का .... मिला दे और फिर दोनों हाथ ह्रदय पर रखो ...तुम्हारी विस्मृति ही विपदा है और स्मृति सम्पदा है | मैं आप की स्मृति की सम्पदा चाहता हूँ | प्रभुजी आप मेरे हो ना ? अंदर से आवाज आये हा या ना | ना बोले ना तो भी डरना नहीं समझना कुछ तो है | २ -४ मिनट भगवान के साथ थोड़ी दिल्लगी करो | और फिर श्वास अंदर जाये तो ॐ बाहर आये तो १ श्वास अंदर जाये तो हरि ..शांति...बाहर आये तो गिनती ....रसमय होते होते आप को नींद आएगी ... वो सात्विक नींद हो जायेगी....पापनाशक नींद हो जायेगी | वासना निवारक और प्रभुरस वर्धक |
While sleeping at night, make sure your head does not point towards the West. If so, then worries will continually keep bothering you. If head points towards the North, then you can get diseases... also increases the risk of accidental death. Make your head point towards the East or South.
- पूज्य बापूजी Lucknow 14th April 2012
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