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Wednesday, June 13, 2012

पित्त-नाश व बलवृधि के लिए:

पित्त-नाश व बलवृधि के लिए:

पीपल के कोमल पत्तों का मुरब्बा बड़ी शक्ति देता है | इसके सेवन से शरीर की कई प्रकार की गर्मी-संबंधी बीमारियाँ चली जाती है | यह किडनी की सफाई करता है | पेशाब खुलकर आता है | पित्त से होने वाली आँखों की जलन दूर होती है | यह गर्भाशय व मासिक संबंधी रोगों में लाभकारी है | इसके सेवन से गर्भपात का खतरा दूर हो जाता है |

पीपल के पत्ते ऐसे नहीं तोड़ना चाहिए | पहले पीपल देवता को प्रणाम करना कि महाराज ! औषध के लिए हम आपकी सेवा लेते हैं, कृपा करना |’ पीपल को काटना नहीं चाहिए | उसमें सात्विक देवत्व होता है |

मुरब्बा बनाने की विधि:

पीपल के २५० ग्राम लाल कोमल पत्तों को पानी से धोकर उबाल लें, फिर पीसकर उसमें समभाग मिश्री व ५० ग्राम देशी गाय का घी मिलाकर धीमी आँच पर सेंक लें | गाढ़ा होने पर ठंडा करके सुरक्षित किसी साफ बर्तन ( काँच की बरनी उत्तम है ) में रख लें |

सेवन-विधि: १०-१० ग्राम सुबह-शाम दूध से लें |


Alleviate Pitta and increase body vigour :-

Marmalade made from soft leaves of Peepal tree provides vitality to the body. Consuming this removes many heat related diseases. This also cleanses the kidney and allows urination without obstruction. Excessive burning of eyes due to Pitta can also be treated using this marmalade. This is beneficial in pregnancy and menstrual related issues. Consuming this negates any fear of miscarriage.

One must never pluck leaves from Peepal tree casually. First, pray to Peepal God, " Oh, Lord, I am using this for medicinal purposes, Please bless us". One must never cut a Peepal tree as holy God-element resides in it.

Procedure for making marmalade:-
Wash thoroughly 250 grams of soft, tender red leaves of Peepal tree and boil them in water. Then grind this and add equal proportion of rock sugar and 50 grams of aboriginal cow ghee, then put this on slow heat. Once the mixture becomes dense, cool the mixture and store it in a sealed container (glass container is ideal).

Medication advice:
Take 10-10 grams of this marmalade everyday in the morning and evening with milk.

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- Lok Kalyan Setu March 2012

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