कई बार लोग बीमार हो जाते हैं, वे बेचारे अपने आप में बहुत बेचैन और खिन्न हो जाते हैं, हम तो बीमार ही रहते हैं तबियत ठीक ही नही रहती दवाइयाँ लेनी पड़ती हैं | नहीं एक काम करें नारद पुराण में लिखा है कि सुबह उठें तो पानी में देखते हुए २५ बार एक मन्त्र बोला है | वो मन्त्र बोलकर पानी में देखते-देखते वो पानी फिर अपने गुरुदेव का स्मरण करके पी जाओ | पानी तो पीते ही हैं लगभग सुबह, चाय नही पीनी चाहिए | खाली पेट सुबह पानी प्रयोग करना चाहिए | तांबे के लोटे में रखा हुआ पानी और तांबे का लोटा भी मांज लेना चाहिए | ऐसा नही कि महीना हो गया तांबे का लोटा साफ नही किया, तो उसमें जो वो काई जम जाती है वो जहर होती है | ताम्बे का पानी पीते हो तो तांबे के बर्तन को अच्छी तरह से साफ करना चाहिए |
तो सुबह पानी में देखते हुए २५ बार नारद पुराण में सनकादि ऋषि कहते हैं "ॐ नमः नारायणाय...ॐ नमः नारायणाय..ॐ नमः नारायणाय..ॐ नमः नारायणाय.." २५ बार बोलें और हो सके तो इशान कोण की तरफ मुंह करके बोलें पूर्व और उत्तर के बीच जो इशान कोण पड़ता है उधर मुंह करके २५ बार बोलें और फिर वो पानी पी जायें | इससे आरोग्यता की भी प्राप्ति होती है, पाप नाश होते है और भी बहुत फायदे होते है पर भक्त की नजर फायदे पर नही होती उसकी नजर तो भगवान पर गुरु पर होती है |
For Attaining Devotion and Health
Many people stay ill for most of the time and they become restless and irritative, they get used to sayin that I remain too ill and have to depend on medicines for daily survivals., DON' T
...From the excerpt of Narad Puran.. it mentions that as soon as you wake up in the mornings stare at the water and recite the mantra 25 times. Offer that water to gurudev and drink it. Drink water a lot in the mornings and avoid tea altogether. Have lots of water in the mornings when the stomach is empty. Drink water stored overnight in copper vessels. Once done clean up the copper vessel.
In Narad Puran, Sanakadi rishi says that while staring in the water recite: " Om Namah Narayanay...Om Namah Narayanay...Om Namah Narayanay...Om Namah Narayanay..." recite this 25 times facing the Northeast direction( Between north and east) and then drink the water. Health will be gained and sins will be burned down and has lots of benefits. But a true devotee will always have his eyes on the lord and his guru rather than on petty materialistic worldy benefits
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