तुलसी के पौधे की मिटटी इतनी पवित्र है कि कोई आदमी घर में बहुत बीमार हो नहा नही सकता हो तो आप उसको तुलसी की मिटटी का तिलक कर दो वो आदमी नहाया हुआ जैसा पवित्र माना जायेगा | (मेरे से एक मिलिट्री में काम करने वाले भाई ने पूछा था कि हम ऐसी जगहों पर रहते हैं जहाँ बर्फ ही बर्फ होती है पानी तो होता नहीं नहाये कैसे, इतनी ठण्ड होती है माईनस में होता है टेम्परेचर क्या करें ? नियम कैसे करें ? मैंने कहा आश्रम में आये हो तुलसी की मिटटी ले जाओ जितने दिन रहना पड़े उसका तिलक कर लो नहाये हुए के सामान माने जाओगे पवित्र तुलसी की मिटटी इतनी शुद्ध है | ) इसका मतलब ये नही है कि और भी कोई सोचे की वाह बढ़िया आईडिया है कभी नहाना नही और तुलसी की मिटटी का तिलक कर दो हो गया पवित्र हो गये हम तो |
If you cannot take a bath:-
The soil of Tulsi (Basil) plant is so pure and holy that if any one is very ill and cannot take a bath, then after applying the soil of Tulsi on his forehead, he can considered as clean as if he has taken a shower. (I was once asked by a military personnel that he had to work in remote places where there is snow all around with no water in sight. Then how do we take a bath in such cold weather where there is sub zero temperature? How do we ensure our daily prayer routines? Then I told him to take some soil from Tulsi plant as you are now here at the ashram. Whenever you apply tilak on your forehead with this, you can be treated as pure as having taken a shower.)
However, knowing this must not be an excuse for one not to take a bath and misconstrue the use of the soil of Tulsi plant.
- श्री सुरेशानंदजी Haridwar 7th May' 2012
2 comments:
dimagi sujan kam karne ka upachhr batye.
Hari Om Ji,
Please contact nearest ashram's Vaidya
http://www.hariomgroup.org/ashram
or Ahemadabad Ashram's vaidya :
They will give u proper guidance.
Num : 079/27505010- 27505011
(call after 1 pm)
OM
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