Search This Blog

Friday, December 21, 2012

गंगा स्नान का फल

"जो मनुष्य आँवले के फल और तुलसीदल  से मिश्रित जल से स्नान करता है, उसे गंगा स्नान का फल मिलता है ।"

(पद्म पुराण , उत्तर खंड)

Virtues similar to bath in river Ganga

One who bathes in water mixed with amla fruit and Tulsi leaves extract, he receives the virtues equivalent to bathing in river Ganga.

(Padma Purana, Uttar Khanda)


- Lok Kalyan Setu Dec' 2012

बुढ़ापा, बीमारी और रोगनाशक रसायन चिकित्सा :



शरीर को स्वस्थ रखने के लिए उत्तम रस-रक्तादी धातुओं की प्राप्ति जिस उपाय के द्वारा की जाती है, उसे रसायन चिकित्सा कहते है ।

(अष्टांगह्रदय, उत्तरस्थान:39.2)

रसायन औषधियों के सेवन से दीर्घायुष्य, स्मरणशक्ति, आरोग्य, चिरयौवन, देह व इन्द्रियों में उत्तम बल, शुक्रधातु की प्रचुरता व सुन्दरता की प्राप्ति होती है । रसायन द्रव्यों में आँवला व हरड सर्वश्रेष्ट है । रोगनाशन में हरड व वृद्धावस्था रोकने में आँवला श्रेष्ठ है ।

1) आँवला : प्रात: 10 से 15 मि ली आँवले के रस में शहद व घी सम्भाग मिलाकर सेवन करने व पथ्य भोजन करने से दीर्घायुष्य की प्राप्ति होती है । वृद्धावस्था दूर रहती है । सूखे आँवले के ही समान गुणकारी है ।

2) हरड: दो बड़ी हरड (या 3 से 4 ग्राम हरड चूर्ण) को घी में भूनकर नियमित सेवन करने से व घी पीने से शरीर में बल चिरस्थायी होता है ।

ऋतू अनुसार हरड सेवन-विधि :
निम्न द्रव्य दिये गये अनुपात में मिलाकर प्रात: हरीतकी (हरड) का निरंतर सेवन करने से सभी प्रकार के रोगों से रक्षा होती है ।
ऋतू
मिश्रण
अनुपात
शिशिर
हरड + पीपर
8 भाग : 1 भाग
वसंत
हरड + शहद
समभाग
ग्रीष्म
               हरड + गुड
समभाग
वर्षा
हरड + सैंधव
8 भाग : 1 भाग
शरद
हरड + मिश्री
2 भाग : 1 भाग
हेमंत
हरड + सौंठ
4 भाग : 1 भाग

3) त्रिफला : हरड, आँवला व बहेड़ा के सम्मिश्रण से बने 'त्रिफला चूर्ण' में घी-मिश्री अथवा शहद मिलाकर खाने से शरीर बलवान बनता है । शरीर की शुद्धि व पुष्टि दोनों कार्य सम्पन्न होते है ।

4) शतावरी : शतावरी की ताजी जड़ का 10 से 20 मि ली रस दूध में मिलाकर पीने से शरीर बलवान व पुष्ट होता है । शुक्र व् ओज क्षय के कारण उत्पन्न शारीरिक व मानसिक दुर्बलता को दूर करने के लिए शतावरी अत्यंत उपयुक्त है । ताजा रस सम्भव न हो तो 3 से 5 ग्राम शतावरी चूर्ण मिश्रीयुक्त दूध में मिलाकर लें ।

5) पुनर्नवा : ताजी पुनर्नवा की 20 ग्राम जड़ पीसकर दूध के साथ एक वर्ष तक सेवन करने से जीर्ण शरीर भी नया हो जाता है । ताज़ी पुनर्नवा उपलब्ध न होने पर पानी के साथ पुनर्नवा अर्क या गोलियों का उपयोग कर सकते है ।

6) अश्वगंधा या विदारीकंद अथवा सफेद मूसली का 2 से 3 ग्राम चूर्ण गाय के दूध, घी अथवा गर्म जल के साथ लेने से शरीर अश्व के सामान बलवान हो जाता है । उपर्युक्त प्रयोगों में दूध, घी देशी गाय का ही लें तथा शुद्ध शहद का उपयोग करें ।

निर्देश : बालक व वृद्ध रसायन के अधिकारी नहीं है । इसका सेवन प्रात: खाली पेट करें । इसके साथ देश, ऋतू, प्रकृति व जठराग्नि के अनुसार हितकर आहार-विहार करें । स्त्री-सम्पर्क का त्याग आवश्यक है । इनसे हम थोड़े समय और थोड़े खर्च से मूल्यवान स्वास्थ्य प्राप्त कर सकते है ।

 Rasayan Chitiksa for curing dotage, diseases and ailments

To keep oneself healthy, making use of the best naturally occurring elements and herbal extracts is called as Rasayan Chikitsa.
(AshtangaHyridaya, Uttarsthaan: 39.2)

Such natural extracted medicines offer longevity, sharp memory, health, eternal youth, strength to body & main sense organs and augments semen strength and instills beauty. Of all rasayan elements, Amla and Harad are considered to be supreme. Harad offers protection from diseases and Amla prevents early onset of oldage.

1) Amla :
Early morning, take 10-15 ml of amla juice mixed with equal proportions of honey and ghee. Taking easily digestible meals along with this treatment helps attain long life. This practice keeps old age at bay. It is as beneficial as dry amla.

2) Harad: Taking two large seeds of Harad (or 3 to 4 grams of Harad Churna) roasted in ghee and regular intake of ghee helps sustain elevated physical strength for a long time.

Procedure for Seasonal Harad intake:
Regular intake of following mixtures helps alleviate any diseases across various seasons.
 
Season
Mixture
Proportions
Winter
Harad + Sacred Fig
8 parts : 1 part
Spring
  Harad + Honey
Equal parts
Summer
               Harad + Jaggery
Equal parts
Rainy
Harad + Rock salt
8 parts : 1 parts
Fall
Harad + Rock sugar
2 parts : 1 parts
Autumn
Harad + Dry Ginger
4 parts : 1 parts

3) Triphala : Harad, Amla and Behda mixed in equal proportions is called as "Triphala Churna". Taking this along with ghee-rock sugar or honey invigorates physical strength. It does the task of both purifying the body and also delivering the essential nutrients.

4)  Asparagus : Extracting about 10-20 ml juice from fresh roots of Asparagus and drinking it with milk offers physical strength to the body. The weakness experienced by the body and mental fragility on account of excessive loss of semen can be overcome by using this. If you cannot find fresh extract, you can also use 3 to 5 grams of Asparagus powder and have it with mixed with rock sugar in milk.

5) Punarnava :
One who takes 20 grams of fresh punarnava roots mashed up with milk for a year, even his frail body will turn into a new one. If one cannot arrange for fresh Punarnava, they can also make use of Punarnava ark or tablets.

6) Ashwagandha or Vidarikand or White Muesli :
Taking 2 to 3 grams of this powder along with milk, ghee or with warm water instills the power of a horse in the body. In this treatment, use only milk and ghee from indigenous cows and use pure honey only.

Special instructions : Young children and old people are not worthy of these medicines. These medicines  are to be taken only on an empty stomach. Along with these medicines, take precaution and care with intake of meals in accordance with seasons, place, nature and digestive strength.  One must abstain from female contact during this period. With these medicines, we can augment our health with very minimal investment of time and money.


- Lok Kalyan Setu Dec' 2012

पौष्टिक नाश्ता -

चना,मूँग, मोठ एक कटोरी में भिगोकर रखे । एक मुट्ठी मूँगफली व एक चम्मच तिल (काले हो तो उत्तम) रात को पानी में भिगो दे । सुबह नमक मिला के उबाल लें । इसमें हरा धनिया, पालक व पत्तागोभी काट के तथा चुकंदर, मुली एवं गाजर कद्दुकश करके मिला दे । ऊपर से काली मिर्च बुरक के नींबू निचोड़ दे । चार व्यक्तियों के लिए नाश्ता तैयार है । इसे खूब चबा-चबाकर खाये । यह नाश्ता सभी प्रकार के खनिज-द्रव्यों, प्रोटीन्स, विटामिन्स व आवश्यक कैलरीज की पूर्ति करता है । जिनकी उम्र 60 साल से अधिक है व जिनकी पाचनशक्ति कमजोर है, उनको नाश्ता नहीं करना चाहिए ।

A healthy breakfast

Soak Chana, Moong and Moth in a bowl. Take a handful of peanuts and one spoon of sesame (black sesame are best) and soak them overnight in water. In the morning, boil this after adding a little salt. Add green coriander, spinach and cabbage and pieces of beetroot, radish and carrot,mash them if you can. Add a tinge of black pepper and a few drops of lemon. The breakfast for four people is ready. Chew this food properly while eating. This breakfast is full of vitamins, nutrients, proteins and essential calories for needed for daily intake. People aged above 60 years, have a weak digestive strength, so should not take breakfast.


- Lok Kalyan Setu Dec' 2012

Tuesday, December 11, 2012

मार्गशीर्ष मास विशेष

(From 18th Nov 2013 to 17th Dec 2013 for this year)
१) मार्गशीर्ष मास में इन तीन के पाठ की बहुत ज्यादा महिमा है ..... विष्णुसहस्त्र नाम ....भगवत गीता.... और गजेन्द्रमोक्ष की खूब महिमा है...खूब पढ़ो .... दिन में २ बार -३ बार
२) इस मास में 'श्रीमद भागवत' ग्रन्थ को देखने की भी महिमा है .... स्कन्द पुराण में लिखा है .... घर में अगर भागवत हो तो एक बार दिन में उसको प्रणाम करना
३) इस मास में अपने गुरु को .... इष्ट को ...." ॐ दामोदराय नमः " कहते हुए प्रणाम करने की बड़ी भारी महिमा है
४) शंख में तीर्थ का पानी भरो और घर में जो पूजा का स्थान है उसमें भगवान - गुरु उनके ऊपर से शंख घुमाकर भगवान का नाम बोलते हुए वो जल घर की दीवारों पर छाटों ...... उससे घर में शुद्धि बढ़ती है...शांति बढ़ती है ....कलेश झगड़े दूर होते है।

Margshirsh Month Special :-

(From 18 th Nov 2013 to 17th Dec 2013 for this year)

1. Reciting and reading these three holy scriptures have been deemed to have glorious benefits in Margshirsh month.... Vishnusahastra Naam... Bhagwad Gita ... and Gajendra Moksha. Read them frequently, atleast 2 to 3 times a day.
2. It is mentioned in Skanda purana that sighting "Shrimad Bhaagwad" in this month is glorified too.... If you have this scripture at home, then make sure to kneel before it daily.
3. The act of offering prostrations to your Guru ... or Istha Dev by the mantra " AUM DAMODARAYA NAMAH" in the month is also highly glorified.
4. Take holy waters in a conch-shell and then revolve it above the portrait of Guru- God and then, sprinkle that water throughout your home while reciting God's name... This will enhance purity in your home... bring forth peace ... and alleviate any enviable thoughts and domestic fights.
-Shri Sureshanandji Panchkula 27/11/2011

पिशाच मोचिनी तिथि (श्राद्ध)


पिशाचमोचन श्राद्ध तिथिः मार्गशीर्ष शुक्ल चतुर्दशी
इस दिन प्रेत योनि को प्राप्त जीवों (पूर्वजों) के निमित्त तर्पण आदि करने से उनकी सदगति होती है |जिनके घर-परिवार, आस-पडोस या परिचय में किसी की अकाल मृत्यु हुई हो या कोई भूत-प्रेत अथवा पितृबाधा से पीड़ित हो, वे पिशाच मोचिनी तिथि को उनकी सदगति, आत्मशांति और मुक्ति के लिए संकल्प करके श्राद्ध - तर्पण अवश्य करें | भूत-प्रेतादिक से ग्रस्त व्यक्ति इसे अवश्य करें |

विधिः प्रातः स्नान के बाद दक्षिणमुख होकर बैठें। तिलक, आचमन आदि के बाद पीतल या ताँबे के थाल अथवा तपेली आदि मे पानी लें। उसमें दूध, दही, घी, शक्कर, शहद, कुमकुम, अक्षत, तिल, कुश मिलाकर रखें। हाथ में शुद्ध जल लेकर संकल्प करें कि ʹअमुक व्यक्ति (नाम) के प्रेतत्व निवारण हेतु हम आज पिशाचमोचन श्राद्ध तिथि को यह पिशाचमोचन श्राद्ध कर रहे हैं।ʹ हाथ का जल जमीन पर छोड़ दें। फिर थोड़े काले तिल अपने चारों ओर जमीन पर छिड़क दें कि भगवान विष्णु हमारे श्राद्ध की असुरों से रक्षा करें। अब अनामिका उँगली में कुश की अँगूठी पहनकर (ʹ अर्यमायै नमःʹ) मंत्र बोलते हुए पितृतीर्थ से 108 तर्पण करें अर्थात् थाल में से दोनों हाथों की अंजली भर-भर के पानी लें एवं दायें हाथ की तर्जनी उँगली व अँगूठे के बीच से गिरे, इस प्रकार उसी पात्र में डालते रहें। (तपर्ण पीतल या ताँबे के थाल अथवा तपेली में बनाकर रखे जल से करना है।)

108 तर्पण हो जाने के बाद दायें हाथ में शुद्ध जल लेकर संकल्प करें कि सर्व प्रेतात्माओं की सदगति के निमित्त किया गया, यह तर्पणकार्य भगवान नारायण के श्रीचरणों में समर्पित है। फिर तनिक शांत होकर भगवद्-शांति में बैठें। बाद में तर्पण के जल को पीपल में चढ़ा दें।


तारीख : 16th Dec'13

Eve for slaying Demoniac souls :-
Eve for slaying Demoniac souls: Margshirsh Shukla Chaturdashi

Offering Tarpan on this day provides gratification and spiritual upliftment of prior souls trapped in demoniac realms. If someone in your family or neighbourhood has passed away accidentally, or if someone is troubled by ill fortune of forefathers, one must undertake Shraadh austerities on this day to offer upliftment, peace and freedom to their souls. If someone is possessed by ghosts, he should certainly perform the rites.

Procedure: Take a bath in early morning and sit down facing south. Apply tilak, cleanse your mouth with water, then take a little water in a brass or copper plate. Put some milk, curd,ghee, sugar, honey, kumkum, rice grains, sesame seeds, grass blades on the plate all mixed together. Take pure water in your hand and then make a resolution: For the benefit of peace for "this person", today, on this eve of Pishaachmochini Shraadh Tithi, I am now performing these rites.
Release the water from your palm slowly onto the ground. Then sprinkle a few black sesame seeds around you on all sides and onto the ground and pray to Lord Vishnu to protect this person from demoniac tendencies. Then, wrap a blade of grass on your ring finger to form a ring and then offer 108 times oblation to your ancestral realm i.e. take the mixed water from plate using both your hands and then release the contents between the thumb and index finger of your right hand. Recite "AUM ARYAMAYAYEE NAMAH" during this rites. (These rites must be done using water kept in brass or copper plates or bowls)
After 108 rites are over, take pure water in your right hand and pray that I offer the rites conducted for spiritual upliftment of all souls, at the feet of Lord Narayana. Then, meditate silently for sometime in spiritual peace. After all rites are over, release the remaining contents at the base of Peepal tree.

Date :- 16th Dec'13

स्रोतः लोक कल्याण सेतु, वर्ष 11, अंक 125, नवम्बर 2007

बहनों के लिए स्पेशल योग (2nd Dec' 2013) :-

जो बहने अपने घर में हमेशा चिंता से ग्रस्त रहती है और कई कष्टों का अनुभव करती है उनके लिए महर्षि अंगिरा के द्वारा एक सुन्दर विधान किया गया है । मार्गशीष मास की अमावस्या जो आयेगी २ दिसम्बर २०१३ सोमवार के दिन माँ पार्वती जी का पूजन करें ।
पहले अपने गुरुदेव का पूजन करें गुरूर्ब्रहृमा गुरूर्विष्‍णु गुरूर्देवो महेश्‍वर... फिर माँ पार्वती जी का पूजन करें 11 मन्त्र बोलकर माँ पार्वती जी को प्रणाम करे :-

1. ॐ पार्वत्यै नमः
2. ॐ हेमवत्यै नमः
3. ॐ अम्बिकायै नमः
4. ॐ गिरीशवल्लभायै नमः
5. ॐ गंभीरनाभ्यै नमः
6. ॐ अपर्णायै नमः
7. ॐ महादेव्यै नमः
8. ॐ कंठकामिन्यै नमः
9. ॐ शणमुखायै नमः
10. ॐ लोकमोहिन्यै नमः
11.ॐ मेनकाकुक्षीरत्नायै नमः


ये 11 नाम कम से कम एक बार तो बोल ही लेनाए ज्यादा भी बोल सकतें है । जो बहने ये न कर पायें तो उनकी ओर से हम ये कर रहे है इसका पुण्य उन्हें पहुंचे उनके घर में भी सुख शांति बनी रहे ।



Special occasion for benefit of all Sisters :-

All those sisters who are always under the agony of tension and going through hardships, can benefit from a beautiful solution offered by Maharshi Angira. Perform the puja of Mother Parvathi on the day of Amavasya in Margshirsh month i.e. on 2nd Dec' 2013, Monday
First, offer prayers to Gurudev by the mantra:
GUROR BRAHMA GUROR VISHNU, GURORDEVO MAHESHWARA |
GUROR SAAKSHAATH PARABRAHMA , TASMAYEI SHREE GURAVE NAMAH ||

Then perform puja of Mother Parvathi with the following 11 mantras and then bow to her.

1. AUM PARVATYE NAMAH
2. AUM HEMVATYE NAMAH
3. AUM AMBIKAYE NAMAH
4. AUM GIRISHAVALLABHAYE NAMAH
5. AUM GAMBHIRNABHYE NAMAH
6. AUM APARNAYE NAMAH
7. AUM MAHADEVYE NAMAH
8. AUM KANTHAKAMINYE NAMAH
9. AUM SHANMUKHAYE NAMAH
10. AUM LOKMOHINYE NAMAH
11. AUM MENAKAKUSHIRTRAAYE NAMAH


You can even recite the above mantras more number of times,but recite them atleast once.

Listen Audio

- Shri Sureshanandji Vadodara 26th Nov' 2012

Friday, December 7, 2012

चिंता, कष्ट, बीमारी निवृति योग (8th Dec' 2013)

जिनके घर में चिंता, कष्ट और बीमारी ज्यादा है | भविष्य पुराण में आया ही की मार्गशीर्ष मास में शुक्ल पक्ष की सप्तमी माने ८ दिसम्बर २०१३  को रविवारके दिन सुबह सूर्य भगवान को तिल के तेल का दीपक दिखाये अर्घ्य दे |  सूर्य भगवान को अर्घ्य दो तो इस भाव से – मन में एक बार स्मरण कर लेना की भगवत गीता में आपने कहाँ है – “ज्योति श्याम रविरंशुमान” ये ज्योतियों में सूर्य मै हूँ .... तो मेरा अर्घ्य स्वीकार करो | मेरा ये प्रणाम स्वीकार करे |
तो उस दिन १९ दिसम्बर को लोटे में चावल, तिल, कुंकुम, केसर डालकर अर्घ्य दे | केसर न हो तो ऐसे ही कुंकुम डाल दे अर्घ्य दे, तिल का दिया दिखा दे |
फिर घर में भोजन बने और सब खाये उसके पहले दही और चावल थाली में लेकर सूर्य भगवान को भोग लगाये और प्रार्थना करे हमारे घर में आपके लिए ये प्रसाद तैयार किया है ये नैवेद्य आप सूर्य भगवान स्वीकार करे और हमारे घर में सब प्रकार से आनंद छाया रहे, सब निरोग रहे, दीर्घायु बने | ऐसा करके उनको भोग लगाये और प्रसाद में थोडा-सा छ्त पर रख दे घर के लोग भी प्रसाद में दही-चावल खुद भी खा ले |

Special Yog to remove tension, pain and diseases :-

This applies to all those homes who are troubled with lot of tension, pain and diseases. It is mentioned in Bhavishaya Purana that on seventh day of Shukla paksha in Margshirsh month i.e. on 8th December 2013, Sunday, one should light a lamp from sesame oil for Lord Surya. Offer prayers to Sun Lord - saying it is mentioned in Bhagwad Gita - "Jyoti Shaam Ravivanshumaan" , I am Sun among all lights.... please accept my oblations and prayers.

On that day, take a small bowl of water with rice, sesame, kumkum and kesar, and offer it to Sun God. One can use only kumkum, if kesar is not available. Then, bow to Him while showing the sesame lamp.
Before meals are taken on that day, place a little curd and rice on the plate and offer them to Sun God, pray to Him asking to accept the prasad which has been prepared today at home for Him. May peace, happiness, health and longevity always reside in this home. Saying such, offer the oblations and then offer a little of the curd rice to all in the family. Also, keep some of that on your home terrace. 

Listen Audio

- Shri Sureshanandji Vadodara 26th Nov' 2012

12th Dec' 2013 को Special Yog ;-


विष्णु धर्मोत्तर ग्रंथ में बताया कि  जिनके परिवार में ज्यादा बीमारी .....जल्दी-जल्दी किसी की मृत्यु हो जाती है वे लोग मार्गशीर्ष मास में शुक्ल पक्ष के दशमी तिथि के दिन  (दशमी तिथि के स्वामी यमराज है मृत्यु के देवता | ) याने १२ दिसम्बर २०१३ भगवान धर्मराज यमराज का मानसिक पूजन कर और हो सके तो घी की आहुति दे | एक दिन पहले से हवन की छोटी सी व्यवस्था कर लेना घी से आहुति डाले इससे दीर्घायु, आरोग्य और ऐश्वर्य तीनों की वृद्धि होती है विष्णु धर्मोत्तर ग्रंथ में बताया है | आहुति डालते समय ये मंत्र बोले–

  [ ध्यान रखे जिसके घर में तकलीफे है वो जरुर आहुति डाले और डालते समय स्वहा बोले और जो आहुति न डाले तो वो नम: बोले | ]
ॐ यमाय  नम:
ॐ धर्मराजाय  नम:
ॐ मृत्यवे नम:
ॐ अन्तकाय  नम:
ॐ कालाय  नम:


ये पाँच मंत्र बोले ज्यादा देर तक आहुति डाले तो भी अच्छा है |
अकाल मृत्यु घर में न हो, जल्दी-जल्दी किसी की मृत्यु न हो उसके लिए घर में अमावस्या के दिन गीता का सातवां अध्याय पढना चाहिये | पाठ पूरा हो जाय तो सूर्य भगवान को अर्घ्य देना चाहिये कि हमारे घर में सबकी लंबी आयु हो और जो पहले गुजर गये है हे भगवान उनकी आत्मा को शांति दे और आज के गीता पाठ का पुण्य ये उनको पहुँचे | ॐ नमो भगवते वासुदेवाय करके वो जल चढ़ा दे |
और हो सके तो ....भगवान ने पैसा दिया हो थोडा बहुत तो उस अमावस्या को गरीब बच्चों – बच्चीयो को चार–पाँच बच्चों को खाना देकर आये सब्जी-रोटी थोडा कुछ मीठा हलावा बना ले थोडा-सा गरीब बच्चों को दे आये | सेवा भी हो जायेगी और जो गुजर गये है वो हम पर राजी हो जायेंगे |

Special Yog on 12th Dec 2013 :-
Vishnu Dharm-uttar Granth has mentioned, those homes suffering from excessive diseases... accidental deaths... should offer mental prayers to Lord Dharmaraaj Yamraaj and give oblations of ghee on the tenth day of Shukla (Moon waxing period) paksha of Margshirsh month. Make all arrangements for preparing a small pyre the day before, then offering oblations of ghee imparts all three boons, long life, good health and glory.Such has been exclaimed in Vishnu Dharm-uttar Granth. While offering oblations, recite the following mantra -

[Remember those who are having problems at home must offer oblations. Those offering oblations must say 'Swaha' at the end of mantras else others must say 'Namah'.]

AUM YAMAAYA NAMAH
AUM DHARMARAAJAYA NAMAH
AUM MRUTYAVE NAMAH
AUM ANTAKAAYE NAMAH
AUM KAALAYE NAMAH


It is better to offer as many oblations as possible using these mantras.

Even in those homes where there have not been any accidental deaths should recite the seventh chapter of Bhagwad Gita on every Amavasya. Once the recitation is over, offer oblations to Sun God requesting for long life for members of the family and granting peace to those departed souls who have passed away earlier. Then, offer the virtues of Gita recitation to those departed souls. Offer water to them saying "AUM NAMO BHAGAVATE VAASUDEVAYA"

If Lord has granted you a lot of money, then you can also feed some children on the eve of Amavasya, say some roti-vegetables along with some sweets. Then, you would have done some seva and also receive the blessings of the departed souls.

Listen Audio

- Shri Sureshanandji 26th Nov' 2012

शरीर में कही भी तकलीफ हो तो –

भगवान को प्रार्थना करके हाथ की हथेली रगड़े...... ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ मेरी आरोग्य शक्ति जग रही है |  फिर जहाँ भी शरीर में तकलीफ हो उधर लगाने से आरोग्य के कण, आरोग्य की शक्ति सुक्ष्म कण उस रोग को मिटाने की बड़ी मदद करते है |
हाथ रगड़ के ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ करके हाथ मुँह पे घुमाने से चेहरा प्रभावशाली हो जाता है |
आँखों पर घुमाते है ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ आँखों की रौशनी बरक़रार होती है, आँखों की ज्योति बढती है |
माथे पर घुमाये  जहाँ चोटी रखते है ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ .....मस्तक में स्मृति शक्ति, निर्णय शक्ति का विकास होता है, मानसिक तनाव दूर होता है | मानसिक तनाव का मुख्य कारण है मलिन चित्तवृत्तियाँ | भगवान का नाम जपने से मलिन चित्तवृत्तियाँ भाग जाती है |

Benefits of rubbing hands while reciting AUM :-

Pray to God and rub your hands... AUM..AUM...AUM...AUM...AUM... My immunity power is improving. Then wherever you have pain, applying your palms will augment cells and immunity strength in that region to overcome the ailment in that place.

Rubbing your hands while saying AUM..AUM...AUM...AUM...AUM... and moving them over your face will give you an influential personality.
Rubbing your hands while saying AUM..AUM...AUM...AUM...AUM... and moving them over your eyes helps retain eye power and improve eye sight.
Rubbing your hands while saying AUM..AUM...AUM...AUM...AUM... and moving them over your head near your choti will improve your intellect and decision making power and also alleviates mental tension. The main cause of mental tension is impure thoughts. Reciting Lord's name automatically drives away any impure thoughts.

Listen Audio

- Pujya Bapuji Vadodara 24th Nov' 2012

सौन्दर्य और निखार पाने हेतु –

- मुलतानी मिट्टी और आलू का रस मिलाकर चेहरे पर लगाओ तो चेहरे में सौन्दर्य और निखार आयेगा |
- नांरगी के छिलके छाया में सुखा दो... कूटके उसका घोल बनाओ ..... रात को लगाओ और सुबह जीरे के पानी से धो..... ब्युटीपार्लर में जाने की जरूरत भी नहीं ऐसे ही ब्यूटीफुल हो जाओगे |

For beauty and glowing face :-

- Multani soil and extract from potato applied together on the face improves beauty and radiance of your face.
- Dry out skins from oranges.... then grind them into a watery mix... Apply it at night and wash it off using water with cumin extract... You will no longer need to visit beauty parlours, you will become beautiful naturally.

Listen Audio

- Pujya Bapuji Vadodara 26th Nov' 2012

सदा खाँसी, जुकाम रहता है तो –

जिनको सदा खाँसी, जुकाम रहता है वे लोग खाली पेट थोडा गुनगुना पानी पिये तो सदा के लिए खाँसी, जुकाम, नाक बहना सब ठीक हो जायेगा |

Consistent cough or cold :-
Those who are troubled by cough, cold all year around, they should take a small amount of luke warm water on empty stomach. This will cure them from cough, cold and running nose forever.

Listen Audio

- Pujya Bapuji Vadodara 26th Nov' 2012

पैर सुकड जाते हो तो –

जिनके पैर सुकड जाते है तो वो गुनगुने पानी में नमक डालके रहे तो पैरों के तकलीफ में फायदा होता है |

Leg cramps

Those who suffer from leg cramps, they should dip their feet in luke warm water with a little salt for sometime.This will provide relief from the pain.


Listen Audio

- Pujya Bapuji Vadodara 26th Nov' 2012

कब्जियात से बचने हेतु –

घर में कब्जियात की शिकायत हो तो हफ्ते में एक–दो बार ऐरंडिया का तेल का मोढ़ डालके रोटी बनाये तो कब्जियात में आराम मिलता है | ऐरंडिया का तेल कब्जियात दूर करने में मदद करता है |

Constipation :-

If someone at home is troubled with constipation, then apply castor oil during preparation of dough for roti, once or twice a week. This provides relief from constipation as castor oil works to remove this ailment.

Listen Audio

- Pujya Bapuji Vadodara 24th Nov' 2012


जोड़ों का दर्द –

जिनको जोड़ों का दर्द है शूलनाशक ( Available at ashram ) से भी फायदा होता है | दूसरा उपाय है – लहसुन का रस और कपूर मिलाके मालिश करो तो जोड़ों का दर्द मिटता है |

Joint pains

Those who are troubled by joint pain, can take benefit from "Shoolnaashak" (available at Ashram). Another cure is - massaging with Garlic extract and camphor also provides relief from joint pains.


Listen Audio

- Pujya Bapuji Vadodara 26th Nov' 2012

ध्यान के वक्त –

आँखे बंद करके आँखों के पुतली पर दबाव डालके ध्यान करते हो तो मुसीबत बुलाते है | सिरदर्द हो जायेगा, थोड़ी देर में ऊब जाओगे, स्वभाव चिडचिडा हो जायेगा | आँखों की पुतली पर जोर डालकर ध्यान न करे ।  स्वाभाविक श्वास चल रहा है  | श्वासों-श्वास को गिनो, प्रीतीपूर्वक भजो, सहज में बैठो, तन कर न बैठो ....अति ढीले न बैठो |

Caution during meditation :-

One who applies pressure on the eyeballs after closing eyes during meditation invites a lot of trouble. It will cause headaches, you will be tired of meditation quickly and develop erratic temperament. One must never apply pressure on the eyes during meditation. Let the breathing flow naturally. Count your breaths, pray with love and devotion, sit in a relaxed position which is neither stiff... or too loose.

Listen Audio

- Pujya Bapuji Vadodara 26th Nov' 2012

छाले ठीक करने हेतु –

भोजन के बाद सौंफ चबाके खाये तो मुँह में पड़े हुये छाले गायब हो जायेंगे |

Cure mouth ulcers

If one chews fennel seeds after meals, any ulcers or lesions inside mouth will get cured.

Listen Audio



- Pujya Bapuji Vadodara 26th Nov' 2012

भोजन में श्रेष्ठ तेल –

भोजन में मूंगफली और सरसों के तेल से, तिल के तेल से भी खोपरे के तेल के फायदे ज्यादा मानते है …… या तो गाय का घी या खोपरे का तेल |

Best oil to use for preparing meals

In meals, coconut oil is more beneficial than using groundnut, mustard or sesame oil. .. Use cow ghee or coconut oil.


Listen Audio

- Pujya Bapuji Vadodara 24th Nov' 2012

Monday, December 3, 2012

मुँह से बदबू :-

नमक और काली मिर्च मिलाके कभी – कभी मंजन करे तो मुँह की बदबू चली जायेगी |

Bad Breath :-

Rub your teeth with salt and black pepper mixed together ,once in a while to remove bad breath.

Listen Audio

- Bapuji Vadodara 26th Nov' 2012

फटाखे से सावधान –

 दीवाली में फटाखे फोड़ने की व्यवस्था से बहुत नुकसान होता है | फटाखे में जो
  •  कॉपर पड़ता है जो श्वास सबंधी रोग पैदा करता है |  
  • कैडमियम (Cadmium) किडनी को नुकसान करता है | 
  • शीशा पड़ता फटाखों में, बारूदो में वो स्नायु के उपर प्रभाव डालता है | 
  • मँग्नेशियम पड़ता है वो बुखार को पैदा करने में साथ देता है | 
  • जिंक पड़ता है वो हिस्टेरिया की बीमारी देता है | 
  • सोडियम पड़ता है ज्वलनशील .... १०० अधिक मिलियन ध्वनि, प्रदुषण और अस्थायी बहरापन करती है | 
 जहाँ फटाखे फोड़े जाते है वहाँ जमीन में कुदरती जो दिव्य गुण है उपजाऊ के वो मर जाते है | ध्वनि से बड़ी-बड़ी ध्वनि १०० डेसीमल से अधिक ध्वनि कानों के पर्दों से नुकसान कर देती है | फटाखे नुकसान ही नुकसान देते है | थोड़ी चमक बाकी नुकसान नुकसान ....फटाखों की हवा, पैसे खर्च करके हवा भी ख़राब करना, जमीन भी ख़राब करना, कान के पर्दे खराब करना | फटाखे फोड़ने वाला अपने स्वास्थ के लिए हजारों आदमी का हवामान गन्दा करता है |

Careful from FireCrackers :-

The practice of bursting firecrackers during Diwali causes great harm. Firecrackers contains

- Copper which gives rise to breathing ailments
- Cadmium which leads to kidney damage
- Glass content which affects the nervous system
- Magnesium which aggravates fever
- Zinc which can lead to hysteria
- Sodium which is highly flammable....
- Sound decibels above 100dB causes sound pollution and leads to temporary deafness.

Wherever crackers are fired, it kills off the natural vitality of the the soil. Also, sound levels above 100dB harm the ear drums. There is nothing good about use of firecrackers. Joy of sparks is momentary.... and in the end leads to polluted air, waste of money, polluting the soil and harmful effects on the body. One who burns firecrackers causes health issues to thousand other people just for his selfish wish.
Listen Audio


- Bapuji Ahemdabad 13th Oct' 2012

प्रकृति अनुसार भोजन लो –

- कफ प्रकृति हो तो फल शाम को रात को देर से ना खाओं ।

- वायु प्रकृति है और मोरया खा लिया, एकादशी को बटाटा खा लिया ...... दूर फेक दो | सुरन खाओं, वायु नाशक गाजर खाओं |

- पित्त सबंधी तकलीफ है तो तले हुए वेफर खाए ..... दूर फेक दो उसको | पित्तवाले को दूध पे रहना अच्छा है |

Natural dietary practices

- If Cough is dominant nature in your body, never consume fruits late in the evening or night.

- If Gas is dominant nature in your body, never consume Moraya or potatoes on Ekadashi.... Throw them away. Take yam (Suran), or carrot also overcomes wind ailments. Jai Raamji..

- If Pitta (bile) is casuing trouble,.. throw away the wafers.... never eat them. Those suffering from Pitta should only stay on milk.
Listen Audio

- Bapuji Ahemdabad 14th Oct' 2012

शुभ कार्य के लिए निषिद्ध काल –

डेढ़ घंटे के लिए राहू का समय माना जाता है, इसे काल राहू कहते है ज्योतिषशास्त्र में, उस काल राहू के समय कोई शुभ काम नहीं करना चाहिए या यात्रा के लिए न निकले उससे पहले निकल जाहिए या उसके बाद |

सोमवार को काल राहू का समय होता है सुबह को – ७.३० बजे से ९.०० बजे तक

मंगलवार को काल राहू का समय होता है दोपहर को - ३.०० बजे से ४.३० बजे तक

बुधवार को काल राहू का समय होता है दोपहर को -१२.०० बजे से १.३० बजे तक

गुरुवार को काल राहू का समय होता है दोपहर को - १.३० बजे से ३.०० बजे तक

शुक्रवार को काल राहू का समय होता है सुबह को – १०.३० बजे से १२.०० बजे तक

शनिवार को काल राहू का समय होता है सुबह को – ९.०० बजे से १०.३० बजे तक

रविवार को काल राहू का समय होता है श्याम – ४.३० बजे से ६.०० बजे तक

तो इस समय में शुभकार्य वर्जित है और यात्रा उस समय न करके उसके पहले या उसके बाद शुभ माना जाता है | परन्तु अगर कोई व्यक्ति जरुरी इस राहू के टाइम निकले या कुछ काम करे ह्रदयपूर्वक भगवान नाम जप करके जाये तो भगवान का नाम सर्व मंगलसों से मुक्ति भी दिलाता है | फिर भी जहाँ तहाँ अपनी भक्ति खर्च नहीं करनी चाहिये | हम जप-तप करते है की इसलिए खर्च करे |

Forbidden times for pious activities :-
The Rahu time is considered to last for one and half hours. This is called as Rahu Kaal in astrology. During this time, one must not pursue any pious activities or set off on a journey. Always try to start them before or after it.

Rahu times for each day are as follows:

Monday - Morning 7:30am to 9:00am
Tuesday - Afternoon 3:00pm to 4:30pm
Wednesday - Afternoon 12:00pm to 1:30pm
Thursday - Afternoon 1:30pm to 3:00pm
Friday - Morning 10:30am to 12:00pm
Saturday - Morning 9:00am to 10:30am
Sunday - Evening 4:30pm to 6:00pm

All pious activities are forbidden during this period. Starting the activities or journey either before or after is considered beneficial. But if someone has to start a journey during that time, then heartily reciting Lord's name offers protection from untoward incidents. But remeber do not waste the valuable spiritual earnings anywhere. We should not perform japa and austerities to waste its benefits on trivial pursuits.

Listen Audio

- Shri Sureshanandji Vadodara 24th Nov' 2012

उड़द की दाल से सावधान :-

हितकारी और सुपाच्य भोजन खाओ | उड़द के वडे बनाते है… चौराई पे रखते है ठीक लेकिन …… उड़द के वडे बनाकर …..चालीस साल के उपर की उमर वालों को खिलाना उनके साथ दुश्मन का व्यवहार करना है | उड़द ऐसे ही भारी होते है, फिर उसका वडा बनाना और कई प्रक्रिया से उसे गुजरना पड़ता है…… उड़द और भारी बन जाता है फिर तलते है तो उड़द के वडे कुपाच्य हो गये बड़ी उमर वालों के लिए | तो ऐसा कुपाच्य चीज खाओ नहीं |

Beware from Urad pulses :-
Always consume healthy and easily digestible foods. People consume fried balls made of Urad... they are easily available at stalls across road crossings. .. For people aged above fourty years, serving urad to them is worse than displaying enmity to them. Urad is anyways considered heavy, above it.. it is fried and then processed further... which almost makes it indigestible.. This can cause great harm to aged people. So, abstain from such indigestible foods.

Listen Audio


- Bapuji Ahmedabad 14th Nov' 2012