प्रसव पीड़ा कम या दूर करने के लिए उपयोग में आनेवाली पेनकिलर दवाएँ माता व बालक के बीच पय:पान (दुग्धपान) के समय स्नेह संबंध विकसित होने में बाधा पैदा करती है | संशोधकों ने देखा है कि पेनकिलर दवा लेने से माता में तरल मातृत्व हार्मोन ऑक्सिटोसिन स्त्रावित नहीं होता | इससे नवजात शिशु जन्म के समय चेतनाशून्य या स्तम्भ हो जाता है | यही कारण हैं कि वह अपने प्रारम्भिक क्षणों में माता के प्रति आकृष्ट नहीं होता और स्वत: पय:पान करने की कोशिश भी नहीं करता | इसके विपरीत जो माताएँ पेनकिलर दवा का सेवन नहीं करती, उनमें यह हार्मोन स्त्रावित होने से माता और बालक के बीच स्तनपान के हर अवसर पर दोनों और से प्रेम बढ़ता देखा गया हैं |
अत: पेनकिलर दवाइयों का सेवन न करके निम्न उपचारों में से किसी भी एक का प्रयोग करें :
१] स्वच्छ चारा खानेवाली देशी गाय के ताजे गोबर का एक चम्मच (१० मि.ली.) रस आसन्न प्रसवा (जिसकी प्रसूति का समय निकट आ गया हो) को पिलाने से प्रसव सुलभ हो जाता है |
२] पीपर (पिप्पली) व वचा चूर्ण जल में पीसकर एरंड तेल के साथ मिला के नाभि में लेप करने से अनेक कष्टों से पीड़ित स्त्री भी सुखपूर्वक प्रसव करती है |
३] सूर्यमुखी की जड़ को डोरी में बाँधकर प्रसूता के हाथ या सिर पर बाँधने से शीघ्र प्रसव होता है |
४] प्रसूता के हाथ-पैर के नाख़ून व् नाभि पर थूहर के दूध का लेप करें |
अत: पेनकिलर दवाइयों का सेवन न करके निम्न उपचारों में से किसी भी एक का प्रयोग करें :
१] स्वच्छ चारा खानेवाली देशी गाय के ताजे गोबर का एक चम्मच (१० मि.ली.) रस आसन्न प्रसवा (जिसकी प्रसूति का समय निकट आ गया हो) को पिलाने से प्रसव सुलभ हो जाता है |
२] पीपर (पिप्पली) व वचा चूर्ण जल में पीसकर एरंड तेल के साथ मिला के नाभि में लेप करने से अनेक कष्टों से पीड़ित स्त्री भी सुखपूर्वक प्रसव करती है |
३] सूर्यमुखी की जड़ को डोरी में बाँधकर प्रसूता के हाथ या सिर पर बाँधने से शीघ्र प्रसव होता है |
४] प्रसूता के हाथ-पैर के नाख़ून व् नाभि पर थूहर के दूध का लेप करें |
ऋषिप्रसाद – दिसम्बर २०१४ से
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