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Friday, January 16, 2015

वीर्यरक्षक व पुष्टिवर्धक गोखरू

वीर्यक्षीणता, स्वप्नदोष, शीघ्रपतन व् दुर्बलता आदि समस्याओं में गोखरू विशेष लाभदायी है | बल-वीर्य व मांस वर्धक होने के साथ यह शौच साफ़ लाता हैं | यह गुर्दे व मूत्र संबंधी रोगों को दूर करता है तथा प्रमेह (गोनोरिया), सुजाक, शोथ (सुजन) एवं ह्रदय-विकारों में लाभकारी है |

१०० – १०० ग्राम गोखरू, शतावरी तथा तालमखाना का चूर्ण और ३०० ग्राम पीसी मिश्री मिलाकर रख लें | १ – १ चम्मच मिश्रण दूध के साथ सुबह-शाम लेने से शीघ्रपतन व वीर्यक्षीणता दूर होती है तथा शरीर ह्रष्ट-पुष्ट बनता है |



-          ऋषिप्रसाद –जनवरी २०१५ से

2 comments:

KESHAV SINGH said...

bhaiya ji is churan ko doodh mein dalne par yeh jel type ka ban jaata hein jise na to khaya ja sakta hein na hi ghola ja sakta hein isliye iske sevan ki purn vidhi bataye !

suresh kumar said...

Hari om ji
yah prayog kitne din tak karna hai?

Dhanyavaad
suresh