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Monday, June 27, 2016

लता आसन

लाभ : १) रक्तवाहिनी नाड़ियाँ और आँतें शुद्ध एवं बलवान हो जाती हैं |

२) चर्मरोग तथा नाक, कान, मुख, नेत्र आदि के विकार दूर होते हैं |

३) पीठ और कमर लचीली हो जाती है और भूख अच्छी लगती है |


विधि : भूमि पर पीठ के बल लेट जायें | अब दोनों पैरों को ऊपर उठाकर पीछे की और ले जा के हलासन के समान आकृति बनायें | फिर जहाँ तक हो सके पैरों को दायें – बायें फैला दें | दोनों हाथों को भी दायें – बायें फैला दें | दोनों भुजाएँ भूमि से सटी रहें | जितना अंतर दोनों पैरों में हो, उतना ही अंतर दोनों हाथों में भी होना आवश्यक है |



-          स्त्रोत – ऋषिप्रसाद – जून २०१६ से 

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