२)    
१०० ग्राम सरसों के तेल में
५ ग्राम कपूर डालें और शीशी को बंद करके धूप में रख दें | तेल में कपूर अच्छी तरह
से घुलने पर इसका उपयोग कर सकते हैं  |
इसकी मालिश से वातविकार तथा नसों, पीठ, कमर, कूल्हे व मांसपेशियों के दर्द आदि में
लाभ होता है | माताएँ छाती पर यह तेल न लगायें, इससे दूध आना बंद हो जाता है |
 स्त्रोत
– ऋषिप्रसाद – जून २०१६ से 

 
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