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Monday, June 27, 2016

स्वास्थ्य व सत्त्व वर्धक – बिल्वपत्र

बिल्वपत्र ( बेल के पत्ते ) उत्तम वायुशामक, कफ – निस्सारक व जठराग्निवर्धक हैं | ये कृमि व शरीर की दुर्गध का नाश करते हैं | बिल्वपत्र ज्वरनाशक, वेदनाहर, संग्राही ( म; लप बाँधकर लानेवाले ) व सूजन उतारनेवाले हैं | ये मूत्रगत शर्करा को कम करते हैं, अत: मधुमेह में लाभदायी हैं | बिल्वपत्र ह्रदय व मस्तिष्क को बल प्रदान करते हैं | शरीर को पुष्ट व सुडौल बनाते हैं | इनके सेवन से मन में सात्त्विकता आती है |

कोई रोग बी भी हो तो भी नित्य बिल्वपत्र या इनके रस का सेवन करें तो बहुत लाभ होगा | बेल के पत्ते काली मिर्च के साथ घोट के लेना स्वास्थ्य के लिए अत्यंत हितकर है | इनके रस में शहद मिलाकर लेना भी लाभकारी है |

औषधीय प्रयोग –

मधुमेह ( डायबीटीज ) : बिल्वपत्र के १० – १५ मि. ली. रस में १ चुटकी गिलोय का सत्त्व एवं १ चम्मच आँवले का चूर्ण मिला के लें |

स्वप्नदोष : बेलपत्र, धनिया व सौंफ समभाग लेकर कूट लें | यह १० ग्राम मिश्रण शाम को १२५ मि. ली. पानी में भिगो दें | सुबह खाली पेट लें | इसी प्रकार सुबह भिगोये चूर्ण को शाम को लें | स्वप्नदोष में शीघ्र लाभ होता है | प्रमेह एवं श्वेतप्रदर रोग में भी यह लाभकारी है |

धातुक्षीणता : बेलपत्र के ३ ग्राम चूर्ण में थोडा शहद मिला के सुबह – शाम लेने से धातु पुष्ट होती है |

मस्तिष्क की गर्मी : बेल की पत्तियों को पानी के साथ मोटा पीस लें | इसका माथे पर लेप करने से मस्तिष्क की गर्मी शांत होगी और नींद अच्छी आयेगी |




-                  स्त्रोत – ऋषिप्रसाद – जून २०१६ से 

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