v प्रात: ब्राह्ममुहूर्त में उठकर ५-७ मिनट ध्यान करने के
पश्चात पढ़ने से पढ़ा हुआ जल्दी याद होता है |
v पढ़ाई के पहले २१ बार सारस्वत्य मंत्र जपनेवाले बच्चे पढ़ाई
में आगे आयेंगे, पक्की बात हैं !
v देर रात तक चाय-कॉफ़ी पीते हुए पढ़ने से बुद्धिशक्ति का क्षय
होता है |
v प्रसन्नचित्त होकर पढ़ें, तनावग्रस्त हो के नहीं |
v दिनचर्या बना के तत्परता से उसका पालन करें, इससे समय नष्ट
होने से बचेगा | समय का सदुपयोग करें, दुरुपयोग नहीं |
v पढ़ते समय अगर आलस्य या नींद आती है तो कमरे में हरे रंग के
पर्दे लगा दो तो व्यर्थ का आलस्य और नींद कम हो जायेगी |
v लम्बा श्वास लेकर दीर्घ प्रणव (ॐकार) का जप करो | जितना समय
उच्चारण में लगे उतनी देर शांत हो जाओ | १० से १२ मिनट तक ॐकार – गुंजन करने तथा ॐकार मंत्र का अर्थसहित ध्यान करने से हारे को हिम्मत, थके को विश्रांति मिलती है,
भूले को अंतरात्मा मार्गदर्शन करता है |
v तनाव, चिंता दूर भगायें : भगवन्नाम जप करते हुए हाथ ऊँचे
करके हास्य-प्रयोग करें तो सारे – के – सारे तनाव गायब ! जीवन धन्य-धन्य हो जायेगा
| महर्षि च्यवन द्वारा खोजा गया ‘तृप्ति प्राणायाम’ चिंता, तनाव एवं थकान दूर कर
नयी ऊर्जा, नयी उमंग जगाने के लिए विद्यार्थियों हेतु भी वरदान है |
विधि :
पहले शुद्ध हवामान में दायें नथुने से श्वास लिया, बायें से छोड़ा तथा बायें से
लिया, दायें से छोड़ा – इस प्रकार ५-१० बार करें | बाद में दोनों नथुनों से पूरा
श्वास भरा, एक – दो बार गुरुमंत्र जपा और ‘आनंद....आनंद...’ चिंतन किया तथा फूँक
मार के श्वास मुँह से निकाल दिया और उसके साथ अशांति, अतृप्ति को भी बाहर फेंक
दिया | ऐसा ५० से १०० बार करो | बस, आपके जीवन में उसी समय तृप्ति, प्रसन्नता होने
लगेगी |
v बुद्धि को पुष्ट
करने का सुंदर उपाय : पलाश व बेल के पत्ते और घी एवं मिश्री मिश्रित करके उसका हवन
करें तथा उसके धूप में प्राणायाम करके सारस्वत्य मंत्र अथवा भगवन्नाम जपें तो
बुद्धि में बल आ जायेगा, स्मृतिशक्ति बढ़ेगी | हवन की जगह पलाश, बेल पत्ते आदि
सामग्री मिलाकर बनायी गयी ‘स्पेशल गौ – चन्दन धूपबत्ती’ का उपयोग करना बेहद आसान व
सुविधाजनक है |
v विद्यार्थियों व सभीके लिए लाभकारी स्मृति, मेधाशक्ति व
मनोबल वर्धक तथा तनावमुक्त करनेवाली आयुर्वेदिक ‘ओजस्वी चाय’ का लाभ जरुर उठाये |
परीक्षा के क्षणों में ....
१] परीक्षा- कक्ष में प्रश्नपत्र मिलने से पूर्व अपने इष्टदेव या गुरुदेव को
प्रार्थना करें |
२] सर्वप्रथम पुरे प्रश्नपत्र को एकाग्रचित्त होकर पढ़ें |
३] सरल प्रश्नों के उत्तर पहले लिखें |
४] उत्तर सुंदर व स्पष्ट अक्षरों में लिखें |
५] किसी भी कीमत पर धैर्य न खोएं | दृढ़ पुरुषार्थ करते रहें | निर्भयता,
उद्यम,साहस व धैर्य बनाये रखें | भ्रूमध्य में ‘गं गं गं गणपतये नम:’ मंत्र देखें
व मन में रटें, इससे अच्छे उत्तर आते हैं |
इन बातों को समझकर अमल किया जाय तो केवल लौकिक शिक्षा में ही नहीं वरन जीवन की
हर परीक्षा में विद्यार्थी सफल हो जायेगा |
ऋषिप्रसाद – मार्च २०१८ से