खाली पेट चाय-कॉफ़ी पीने
से धातुनाश होता है, कमर कमजोर होती है, गुर्दे और वीर्यग्रंथियों को नुकसान
पहुँचता है तथा ओज क्षीण व वीर्य पतला हो जाता है | इनकी जगह संत श्री आशारामजी आश्रमों के
सेवाकेन्द्रों पर उपलब्ध ‘ओजस्वी आयुर्वेदिक चाय’ अथवा तो देशी गाय का दूध, छाछ या
ऋतु – अनुकूल फलों का सेवन अच्छा स्वास्थ्य लाभ तो देता ही है, साथ ही शरीर को
पुष्ट भी करता है |
ओजस्वी चाय में विभिन्न
घटक व उनके लाभ :
सोंठ : कफनाशक,
जठराग्निवर्धक | ब्राह्मी : स्मृति, मेधाशक्ति व मनोबल वर्धक | अर्जुन :
ह्रदयपुष्टिकर, ह्रदयबलवर्धक, रक्तशोधक, अस्थि-पुष्टिकर | दालचीनी: ह्रदय व यकृत
उत्तेजक, ओजवर्धक | तेजपत्र: सुगंध व स्वाददायक, पाचक | शंखपुष्पी: तनावमुक्त
करनेवाली, निद्राजनक | काली मिर्च : जठराग्निवर्धक, कृमिनाशक | लाल चंदन : दाहशामक,
नेत्रहितकर | नागरमोथ : पित्तशामक, कृमिनाशक | इलायची : त्रिदोषशामक, मुखदुर्गधिहर
| कुलंजन : कंठशुद्धिकर, बहुमुत्रता में उपयुक्त | जायफल : स्वर व वर्ण
सुधारनेवाला | मुलेठी (युष्टिमधु) : स्वरसुधारक | सौंफ : नेत्रज्योतिवर्धक |
विशेष : एकाध घंटा पहले
अथवा रात को पानी में भिगोकर रखी हुई ओजस्वी चाय सुबह उबालें तो वह और अधिक
गुणकारी होगी |
ऋषिप्रसाद – मार्च २०१८ से
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