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Monday, March 19, 2018

पाचनशक्ति व स्मृतिवर्धक, ह्रदयरोग में लाभकारी – ओजस्वी चाय

खाली पेट चाय-कॉफ़ी पीने से धातुनाश होता है, कमर कमजोर होती है, गुर्दे और वीर्यग्रंथियों को नुकसान पहुँचता है तथा ओज क्षीण व वीर्य पतला हो जाता है |  इनकी जगह संत श्री आशारामजी आश्रमों के सेवाकेन्द्रों पर उपलब्ध ‘ओजस्वी आयुर्वेदिक चाय’ अथवा तो देशी गाय का दूध, छाछ या ऋतु – अनुकूल फलों का सेवन अच्छा स्वास्थ्य लाभ तो देता ही है, साथ ही शरीर को पुष्ट भी करता है |

ओजस्वी चाय में विभिन्न घटक व उनके लाभ :   
सोंठ : कफनाशक, जठराग्निवर्धक | ब्राह्मी : स्मृति, मेधाशक्ति व मनोबल वर्धक | अर्जुन : ह्रदयपुष्टिकर, ह्रदयबलवर्धक, रक्तशोधक, अस्थि-पुष्टिकर | दालचीनी: ह्रदय व यकृत उत्तेजक, ओजवर्धक | तेजपत्र: सुगंध व स्वाददायक, पाचक | शंखपुष्पी: तनावमुक्त करनेवाली, निद्राजनक | काली मिर्च : जठराग्निवर्धक, कृमिनाशक | लाल चंदन : दाहशामक, नेत्रहितकर | नागरमोथ : पित्तशामक, कृमिनाशक | इलायची : त्रिदोषशामक, मुखदुर्गधिहर | कुलंजन : कंठशुद्धिकर, बहुमुत्रता में उपयुक्त | जायफल : स्वर व वर्ण सुधारनेवाला | मुलेठी (युष्टिमधु) : स्वरसुधारक | सौंफ : नेत्रज्योतिवर्धक |

विशेष : एकाध घंटा पहले अथवा रात को पानी में भिगोकर रखी हुई ओजस्वी चाय सुबह उबालें तो वह और अधिक गुणकारी होगी |

ऋषिप्रसाद – मार्च २०१८ से 

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