बैक्टीरिया या वायरस के कारण होनेवाले अथवा मलेरिया जैसे बुखार को छोडकर बाकी
जो बुखार आते हैं, उनका कारण भोजन से बना कच्चा रस (आम) है | आपने जो भोजन किया है
उसका रस पूरा पका नहीं और ऊपर से आपने दूसरा भोजन ठाँस लिया तो नाड़ियों में कच्चा
रस जाते-जाते अशुद्धि हो गयी इसलिए प्रकृति, वह आद्यशक्ति उन नाड़ियों में तपन देती
है, इसीका नाम बुखार है |
अगर इन बुखारों से बचना है तो आप भोजन के पहले ४- ५ ग्राम अदरक को पीस के
उसमें जरा-सा नमक और नींबू मिलाकर थोडा खा लीजिये ताकि नाड़ियों का कच्चा रस पक जाय
और बार-बार प्रकृति को तुम्हें बुखार की सजा न देनी पड़े | और बुखार में उपवास जो
है, बहुत बढिया है |
चरक संहिता में आता है : ‘भगवान विष्णु की सहस्त्र नाम से स्तुति करने से
अर्थात विष्णुसहस्त्रनाम का पाठ करने से सब प्रकार के ज्वर नष्ट हो जाते हैं
|’ पाठ रोगी स्वयं अथवा उसके कुटुम्बी
करें |
(‘श्रीविष्णुसहस्रनामस्तोत्रम’ पुस्तक आश्रम व समिति के सेवाकेन्द्रों पर
उपलब्ध है |)
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ऋषिप्रसाद
– सितम्बर २०१८ से
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