क्या करें
१] दाँतों की सफाई के
लिए दातुन या आयुर्वेदिक मंजन का उपयोग करें | मंजन मध्यमा (सबसे बड़ी) ऊँगली से करें |
२] हफ्ते या १५ दिन में
एक दिन सरसों के तेल में नमक मिला के ऊँगली से दाँतों व मसूड़ों की अच्छी तरह मालिश करें |
३] शौच के समय दाँतों को
अच्छी तरह भींचकर बैठने से दाँत स्वस्थ रहते हैं |
४] सोने से पहले व भोजन
के बाद दाँतों को अच्छे-से साफ़ करना चाहिए |
क्या न करें
१] तर्जनी ऊँगली (अँगूठे
के पासवाली पहली ऊँगली ) से मंजन कभी नही करना चाहिए, इससे दाँत कमजोर होते हैं |
२] बहुत ठंडे या बहुत
गर्म पदार्थों का सेवन न करें, यह दाँतों को हानि पहुँचाता है |
३] गुटखा, तम्बाकू,
चॅाकलेट्स, खट्टे पदार्थ आदि के सेवन व पान चबाने से दाँतों को हानि पहुँचती है |
४] सुई अथवा अन्य नुकीली
या धारदार वस्तु दाँतों के बीच कभी नहीं घुसानी चाहिए |
आश्रम व समिति के
सेवाकेन्द्रों पर उपलब्ध अच्युताय दंतमंजन, दंत सुरक्षा टूथपेस्ट एवं दंत सुरक्षा
तेल दाँतों को स्वस्थ, सफेद व मजबूत रखते हैं | दाँतों के दर्द, मसूड़ों से
होनेवाले रक्तस्राव, मुँह की दुर्गंध व मैल को दूर करते हैं |
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ऋषिप्रसाद
– सितम्बर २०१८ से
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