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Saturday, September 15, 2018

स्वास्थ्यवर्धक एवं रोगों को दूर रखनेवाला – पालक


पोषक तत्त्वों से भरपूर पालक का सेवन स्वास्थ्य के लिए बड़ा हितकारी है | यह पित्तशामक, शीतल, पचने में
भारी, भोजन में रूचि बढ़ानेवाला, पेशाब साफ़ लानेवाला एवं सूजन तथा जलन को कम करनेवाला है |

कुपोषण से उत्त्पन्न शारीरिक कमजोरी, दुबलेपन आदि में इसका साग उपयोगी है | इसका रस तथा साग यकृत (liver), आमाशय, आँतों  के विकारों तथा मधुमेह (diabetes), बवासीर, कब्ज आदि रोगों में लाभकारी हैं | पालक का सालाद पाचनतंत्र को मजबूत बनाता है |

विटामिन्स एवं खनिज तत्त्वों से भरपूर
पालक में प्रचुर मात्रा में विटामिन ‘ए’, ‘बी’, ‘सी’, ‘ई’, ‘के’ तथा लौह, मैग्नेशियम, फॉस्फोरस आदि खनिज पदार्थ पाये जाते हैं | रक्त की कमी में पालक बहुत फायदेमंद है | यह बालों को मजबूत बनाता है |

कैंसर एवं ह्रदयरोगों में लाभकारी
पालक एंटी ऑक्सीडेंट्स और एंटी कैंसर यौगिकों का अच्छा स्त्रोत है | इसके सेवन से फेफड़ों व ह्रदय की कार्यक्षमता बढती है | यह कैंसर से सुरक्षा प्रदान करता है | इसमें रेशों की मात्रा भी अधिक होती है, जो कोलेस्ट्रॉल घटाती है | यह ह्रदय-संबंधी बीमारियों में हितकर है |

गर्भपोषक व कुपोषण दूर करनेवाला
सगर्भावस्था में आवश्यक अतिरिक्त फॉलिक एसिड, विटामिन्स तथा कैल्शियम आदि खनिजों की पूर्ति के
लिए पालक का रस अथवा सूप उत्तम आहार है | इससे माता तथा गर्भ का सम्यक पोषण होने में मदद मिलती है | इसमें पाया जानेवाला कैल्शियम स्तनपान करानेवाली महिलाओं के लिए भी बहुत लाभदायी है | कुपोषित बालकों के शारीरिक व बौद्धिक विकास के लिए पालक सुलभ, सस्ता व अत्यंत उपयुक्त आहार है | ऐसे बालकों के लिए मूँगफली डाल के बनायी गयी पालक की सब्जी का सेवन लाभदायी है |

पालक के औषधीय प्रयोग
१] यकृत का कार्य मंद होने पर ४ चम्मच पालक के रस में १ – १ चुटकी अजवायन व सेंधा नमक मिलाकर दिन में ३ बार लेना लाभदायी है |
२] आँखों तथा हाथ-पैरों की जलन व प्यास की अधिकता में चौथाई कप ( ५० मि.ली.) पालक के रस में २ चम्मच मिश्री मिला के पीने से लाभ होता है |
३] पालक को पीसकर चेहरे पर लगाने से झॉइयॉ दूर होती हैं |

सावधानियाँ : पालक का उपयोग करने से पहले उसे अच्छी तरह धोना आवश्यक है | गुर्दे की पथरी के मरीजों को इसका सेवन नही करना चाहिए | इसे पकाने पर इसके कुछ एंटी ऑक्सीडेंटस नष्ट हो जाते हैं | अत: इसे सलाद के रूप में कच्चा अथवा रस के रूप में या हलका पका के खाना ज्यादा लाभकारी है |

 लोककल्याणसेतु – सितम्बर २०१८ से

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