पूज्य बापूजी कहते है: “संतान को बढ़िया, तेजस्वी बनाना है तो गर्भिणी अलग-अलग
रंग की ७ गायों की प्रदक्षिणा करके गाय को जरा सहला दे, आटे-गुड़ आदि का लड्डू खिला
दे या केला खिला दे, बच्चा श्रीकृष्ण के कुछ-न-कुछ दिव्य गुण ले के पैदा होगा |
कइयों को ऐसे बच्चे हुए हैं |”
विशेष लाभ हेतु
सप्तरंगो की गायों की १०८ परिक्रमा कर अधिक लाभ उठा सकते हैं | गर्भवती महिला
द्वारा सामान्य गति से प्रदक्षिणा करने पर शरीर पर कोई तनाव न पड़ते हुए श्वास
द्वारा रक्त एवं ह्रदय का शुद्धिकरण होता है | इससे गर्भस्थ शिशु को भी लाभ होता
है | इससे गर्भस्थ शिशु को भी लाभ होता है | गर्भिणी सदगुरुप्रदत्त गुरुमंत्र या
भगवन्नाम का जप करते हुए परिक्रमा करे, यह अधिक लाभदायी होगा |
ऋषिप्रसाद – अक्टूबर २०१८ से
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