क्या करें
१] दमे का दौरा पड़े तो
जिस नथुने से श्वास चल रहा हो, तत्काल उसे बंद कर दूसरे नथुने से श्वास लें | इससे
दमे का जोर कम होगा |
२] पानी उबाल के पियें |
हवा का आवागमन शुद्ध रखें | अनुकूलता के अनुसार हलका व्यायाम, योगासन, प्राणायाम
नियमित करें |
३] हरि ॐ शांति .... का
जप इसमें लाभप्रद है |
४] गोझरण व तुलसी अर्क,
तुलसी-पत्ते, प्राणदा टेबलेट आदि का सेवन बेहद लाभदायी है |
५] शरद पूनम पर संत श्री
आशारामजी आश्रमों में दमा मिटानेवाली बूटी नि:शुल्क मिलती है, उसका लाभ लें |
क्या न करें
१] ज्यादा शीतल पदार्थ,
खट्टी चीजें, मिठाई, तले हुए पदार्थ, दही-चावल आदि व
कफवर्धक पदार्थो के सेवन से बचें |
२] अधिक व्यायाम,
थकानेवाले काम, रुक्ष अन्न, धूल के कण व धूआँयुक्त वातावरण, मल-मूत्र को रोकना आदि
से बचें |
३] पंखे की सीधी हवा में
न सोयें | एयर-कंडिशनर, एयर कूलर भी दमा के वेग को बढ़ाते हैं |
४] शराब, तम्बाकू, बीडी,
सिगरेट का सेवन तथा परफ्यूम्स आदि का उपयोग न करें |
सभी औषधियाँ आश्रम व
समिति के सेवाकेन्द्रों पर उपलब्ध हैं |
ऋषिप्रसाद – अक्टूबर २०१८ से
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