जपमाला को आप साधारण नहीं समझना | माता-पिता और पैसे से उतनी रक्षा नही होती
जितनी गुरुमंत्र-जप करते हैं वह बड़ी प्रभावशाली मानी जाती है | उसको गले में धारण
करके कोई भी सत्कर्म करेंगे तो १०,००० गुना फल होता है |
जिनकी उम्र ज्यादा है वे अपने घरवालों को बोल दें कि ‘जब हमारा शरीर छूट जाय
तो हमारी माला गले से नही उतारना |’ जिनके गले में जप की हुई माला है उनके
प्रारब्धजनित अनिष्ट का प्रभाव नष्ट हो जाता हैं क्योंकि इष्टमंत्र, गुरुमंत्र
जपते हैं तो अनिष्ट दूर रहता है | यदि इष्टमंत्र कम जपा है और पूर्व का पाप अधिक
है तो इस कारण से कभी थोडा अनिष्ट होता दिखे तब भी जापक अडिग रहेगा तो अनिष्ट टल
जायेगा |
गले में तुलसी की माला धारण करने से शरीर में जो चुम्बकत्व है और खून का भ्रमण
है वह अच्छी तरह से रहेगा | शरीर में कहीं हानिकारक कण इकट्ठे होकर ट्यूमर अथवा
ब्लॉकेज जैसी स्थिति उत्पन्न होने से रक्षा होगी, बायपास सर्जरी नहीं करनी पड़ेगी,
और कोई बीमारी जल्दी उत्पन्न नहीं होगी |”
(माला-पूजन की विधि व माला-संबंधी नियम जानने हेतु पढ़ें आश्रम के
सेवाकेन्द्रों पर उपलब्ध पुस्तक ‘इष्टसिद्धि’, ‘मंत्रजप महिमा एवं अनुष्ठान विधि’
|)
ऋषिप्रसाद – नवम्बर २०१८ से
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