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Thursday, November 15, 2018

अंजीर – एक बहुपयोगी फल व सूखा मेवा


अंजीर एक पौष्टिक फल है, जिसका ताजे फल व सूखे मेवे के रूप में उपयोग किया जाता है | यह स्वाद में मधुर, शीतल, स्निग्ध, तृप्तिकर, वजन बढ़ाने में लाभदायी, पचने में भारी, वात-पित्तशामक, जलन कम करनेवाला तथा रक्तवर्धक है |

आधुनिक अनुसंधानों के अनुसार में रेशे, विटामिन ‘ए’, ‘बी’, ‘सी’ व ‘के’ तथा कैल्शियम, फॉस्फोरस, पोटैशियम, सोडियम, मैग्नेशियम, लौह, मैंगनीज आदि खनिज होते हैं |

अंजीर जठर और आँतों को कार्यक्षम रखता है तथा सूखी खाँसी में विशेष लाभदायी है | यह यकृत (liver) एवं प्लीहा (spleen) की वृद्धि, लकवा ( paralysis), बवासीर, संधिवात, नकसीर, प्यास की अधिकता, बुखार के बाद आनेवाली कमजोरी और सीने के दर्द में लाभदायी होता है |    

क्षयरोग (tuberculosis) में अंजीर पथ्य माना जाता है | ताजे अंजीर का रस मूत्रल होता है | अंजीर रक्तशुद्धिकर है इसलिए इसके सेवन से रक्त-विकार के कारण उत्पन्न फोड़े-फुंसियों और दूसरे चर्मरोगों में लाभ होता है | यह थकान व कमजोरी को दूर करनेवाला तथा बलवर्धक है |

अंजीर बादाम एवं पिस्ता के साथ खाने से बुद्धिवर्धक व अखरोट के साथ खाने से वीर्यवर्धक होता है | बच्चों और गर्भवती महिलाओं को अंजीर विशेषरूप से खाने चाहिए | इससे उन्हें पर्याप्त पोषण मिलता है |

औषधीय प्रयोग
रक्त की वृद्धि एवं शुद्धि हेतु : ३ – ४ अंजीर को २०० ग्राम दूध में उबालकर रोज पीने से रक्त की  वृद्धि व शुद्धि होती है तथा शक्ति बढ़ती है | यह प्रयोग कब्जियत में भी लाभ करता है |

शारीरिक कमजोरी (दुर्बलता) : २ पके अंजीरों को अथवा भिगोये हुए २ सूखे अंजीरों को १ चम्मच सौंफ के साथ चबा-चबाकर खायें | यह प्रयोग ४० दिन तक नियमित करने से शारीरिक दुर्बलता में लाभ होता है |

बवासीर : अंजीर, काली द्राक्ष (सूखी), हरड एवं मिश्री को समान मात्रा में ले के कूट के रख लें | ३ – ५ ग्राम मिश्रण को प्रतिदिन सुबह-शाम खाने से बवासीर में लाभ होता है |

अधिक मासिक स्त्राव व प्रदररोग : प्रतिदिन २ अंजीर के छोटे-छोटे टुकड़े करके रात को पानी में भिगो दें एवं सुबह २ चम्मच शहद के साथ चबा-चबाकर खाये | इससे अधिक मासिक स्त्राव व पानी पड़ने की बीमारी में लाभ होता है |

सावधानी : अंजीर पचने में भारी होते हैं अत: इनका उपयोग पाचनशक्ति के अनुसार करना चाहिए | प्रतिदिन २ से ४ अंजीर खाये जा सकते हैं | ज्यादा मात्रा में खाने पर सर्दी, कफ एवं मंदाग्नि हो सकती है | सूखे अंजीरों को सेवन से पूर्व १ – २ घंटे पानी में भिगो के रखना चाहिए |

लोककल्याणसेतु – नवम्बर २०१८ से

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