१] जिनको पित्तवृद्धि
की तकलीफ है वे अगर थोड़ी भी भुखमरी करें तो उनके मणिपुर केंद्र में क्षोम पैदा
होता है और पित्त बढ़ता है | स्वभाव में क्रोध, आँखों में जलन आदि समस्याएँ उनको
घेर लेती हैं | ऐसे लोग पित्त-शमन के लिए घी व मिश्री मिश्रित भोजन लें व बेल या
ताड़ का फल खाकर पानी पियें |
२] पित्तजन्य
व्याधियों मिटाने के लिए २ चम्मच पिसा हुआ धनिया और थोड़ी मिश्री ठंडे पानी में
घोलकर पीने से कितना भी बढ़ा हुआ पित्त हो, उसका शमन हो जायेगा |
३] २ – ३ ग्राम तिल
का चूर्ण और मिश्री मिलाकर चबा-चबा के खायें | तिल पचने में भारी होते हैं लेकिन
पित्तवाले के लिए तिल और मिश्री का मिश्रण चबा के खाना पित्तशामक होता है |
४] पित्त के कारण सिर
में दर्द हो तो गाय के शुद्ध घी को गुनगुना करके नस्य लें | इससे पित्त शमन होता
है, सिरदर्द गायब हो जायेगा |
५] दही खट्टा न हो और
उसमें थोड़ी-सी मिश्री मिली हो तो वह भी पित्तशमन करेगा |
ऋषिप्रसाद
– अगस्त २०१९ से
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