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Wednesday, August 4, 2021

कितना भी ढीला विद्यार्थी हो .....

 

दोनों नथुनों से गहरा श्वास लो | मन में भगवन्नाम जपो फिर हरि ॐ का प्लुत गुंजन करो – हरि ओऽऽ.... म् .. | जब ॐकार का ‘म बोलें तब होंठ बंद कर ‘म का दीर्घ (लम्बा) गुंजन करें |

 

इस प्रकार के प्राणायम करने से मनोबल, बुद्धिबल में विकास होता है, रोगप्रतिकारक शक्ति बढती है, अनुमान शक्ति, क्षमा शक्ति, शौर्य शक्ति आदि का विकास होता है | रोज १५ मिनट ऐसा करनेवाला विद्यार्थी कितना भी ढीला हो, प्रभावशाली, शक्तिशाली हो जायेगा | तो चाहे आई. जी. बनना है,  चाहे डी,आई, जी. बनना है , चाहे कुछ भी बनना है, अपनी अंदर की शक्ति जागृत करो तो अच्छे उद्योगपति भी बन सकते हैं, अच्छे भक्त भी बन सकते हैं और भगवान को प्रकट करनेवाले महापुरुष, संत भी बन सकते हैं, क्या बड़ी बात है !

 

ऋषिप्रसाद – अगस्त २०२१ से

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