Search This Blog

Tuesday, November 30, 2021

तुलसी से होते हैं ढेरों लाभ

 


सनातन धर्म के ऋषियों ने कितनी सुंदर व्यवस्था की है कि भोजन में तुलसीदल रखों तभी ठाकुरजी को भोग लगता है | तुलसी पुण्यदायी पौधा है | तुलसी पाप-शमन करती है | जैसे हरिनाम कि महिमा है  ऐसे ही हरिप्रिया तुलसी कि महिमा है | तुलसी को सींचता रहें और सोचे कि मुझे नरक मिले तो भी नहीं मिल सकता है |  केवल तुलसी का पौधा घर में लगा दें और सुबह-सुबह तुलसी का दर्शन करें, जल चढाये तो कंगाल-से-कंगाल व्यक्ति भी रोज सवा मासा ( करीब सवा ग्राम) सुवर्णदान का फल पा सकता है | घर में तुलसी के होने से धन, पुत्र, पुण्यदायी वातावरण के साथ हरिभक्ति प्राप्त होती है |

विज्ञान भी गा रहा है तुलसी कि महिमा

तुलसी को स्पर्श करके आती हुई हवा रोगप्रतिकारक शक्ति बढाती है और तमाम दु:खों व हानिकारक जीवाणुओं को दूर रखती हैं | आविष्कार इस बात को स्पष्ट करने में सफल हुआ है कि तुलसी में विद्युत तत्त्व उपजाने और शरीर में विद्युत तत्त्व को सजग रखने का अद्भुत सामर्थ्य है | जैसे तेल का हाथ घुमा के लोग मालिश करते हैं ऐसे ही तुलसी के रस कि थोड़ी मालिस करें तो शरीर में विद्युत-प्रवाह अच्छा चलेगा |

तुलसी माला के लाभ

तुलसी के काष्ठ के दानों की माला गले में पहनकर जो ध्यान, जप, पूजन, तर्पण करता है उसके उन शुभ कर्मों का फल करोड़ गुना हो जाता है | कितनी सारी बीमारियों कि जड़ें तो तुलसी कि कंठी धारण करनेमात्र से दूर हो जाती हैं | परंतु आजकल कई दूसरी लकड़ियों कि माला में तुलसी कि कृत्रिम सुगंध डालकर उसे तुलसी-माला के नाम से बेचा जाता है | तिलसी कि असली लकड़ी से बनी माला ही पहनें |

तुलसी के कुछ प्रयोग

१] ५-७ तुलसी-पत्ते सुबह खाली पेट चबाकर मुँह में थोड़े घुमा के पानी पी लें | दाँतों में कीड़े नहीं पड़ेंगे| बच्चों को दाँतों की तकलीफ जल्दी से नहीं होगी | मुँह कि दुर्गन्ध और कफ के दोषों व धातु के रोग में यह लाभदायी है | बाद में पानी से अच्छे-से कुल्ले कर लें ताकि तुलसी पत्तों के कण दाँतों में बिल्कुल नहीं रहें |

२] भोजन के पहले अथवा बाद में तुलसी पत्ते लेते हो तो स्वास्थ्य के लिए, वायु व कफ शमन के लिए यह औषधि का काम करता है |

३] तुलसी के बीज पीस के रखें और एक चुटकी ( आधा ग्राम) दोपहर को भोजन के बाद पान ( नागरवेल का पत्ता) में डाल के गुरुमंत्र जपकर खाया करें तो बुढापा जल्दी नहीं आयेगा |

सावधानी : सूर्योदय से पहले तुलसी के पत्ते नही तोड़े जाते हैं | दूध के साथ तुलसी सेवन वर्जित है, पानी, दही, भोजन आदि हर चीज के साथ तुलसी ले सकते हैं | रविवार को तुलसी ताप उत्पन्न करती है इसलिए रविवार को तुलसी न तोड़े, न खायें |

असली तुलसी काष्ठ कि माला संत श्री आशारामजी आश्रमों में सत्साहित्य सेवा केन्द्रों से तथा समितियों से प्राप्त हो सकती हैं |

लोककल्याण सेतु – नवम्बर २०२१ से 

No comments: