- साधारणतया चतुर्मास में पाचनशक्ति मंद रहती है। अतः आहार कम करना चाहिए। पन्द्रह दिन में एक दिन उपवास करना चाहिए।
- चतुर्मास में जामुन, कश्मीरी सेब आदि फल होते हैं। उनका यथोचित सेवन करें।
- हरी घास पर खूब चलें। इससे घास और पैरों की नसों के बीच विशेष प्रकार का आदान-प्रदान होता है, जिससे स्वास्थ्य पर अच्छा प्रभाव पड़ता है।
- गर्मियों में शरीर के सभी अवयव शरीर शुद्धि का कार्य करते हैं, मगर चतुर्मास शुद्धि का कार्य केवल आँतों, गुर्दों एवं फेफड़ों को ही करना होता है। इसलिए सुबह उठने पर, घूमते समय और सुबह-शाम नहाते समय गहरे श्वास लेने चाहिए। चतुर्मास में दो बार स्नान करना बहुत ही हितकर है। इस ऋतु में रात्रि में जल्दी सोना और सुबह जल्दी उठना बहुत आवश्यक है।
चातुर्मास :- 30th June'2012 to 24th Nov' 2012
ऋषि प्रसाद, अगस्त 2010
Means to increase vital force/life energy during chaturmaas:
- Digestion power is usually weakened during the Chaturmaas. Therefore food intake should be reduced. Fasting should be observed once in a fortnight.
- · Blackberry and Kashmiri apples are available during the chaturmaas. They should be consumed appropriately.
- · Walk a lot bare footed on lawns and green grass. There occurs a special interaction between the grass and the veins of the legs, which have a beneficial effect on the health.
- · During summer all of the body parts undergo a cleansing activity, but during the chaturmaas this purification happens only for the intestine, kidney and lungs. Therfore take deep breaths just after waking up, while roaming and while taking bath in mornings and in evenings. Sleeping early and Waking early is very essential in this season.
Chaturmaas: - 30th June'2012 to 25th Nov' 2012
Rishi Prasad, August 2010
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