- अपनी आयु किसी को नहीं बतानी चाहिये ।
- अपना धन गोपनीय रखना चाहिये ।
- घर का रहस्य गोपनीय रखना चाहिये ।
- गुरुमंत्र गोपनीय रखना चाहिये ।
- पति-पत्नी का संसार व्यवहार गोपनीय रखना चाहिये ।
- औषधि क्या खाते है, वो गोपनीय रखना चाहिये ।
- साधन-भजन गोपनीय रखना चाहिये ।
- दान गोपनीय रखना चाहिये ।
- अपना अपमान गोपनीय रखना चाहिये ।
- ऋण लेने की बात - "मैं इस बैंक से ऋण लूँगा" आदि ।
- ऋण चुकाने की बात - "मुझे इस व्यक्ति का इतना ऋण चुकाना है ", इससे विश्वसनीयता बढ़ती है ।
- दान की वास्तु सबको बतानी चाहिये , नहीं तो चोरी मानी जाती है ।
- विक्रय की वास्तु - "मुझे ये वस्तु इतने मूल्य में बेचनी है", क्या पता कोई ज्यादा मूल्य देने वाला मिल जाए।
- कन्यादान - "मुझे अपनी कन्या का विवाह इस व्यक्ति से करना है" क्या पता अगर कन्या का अमंगल छुपा है तो प्रकट हो जायेगा ।
- अध्धयन - "मैं इतना पड़ा हूँ" । इससे लोगों का विश्वास और अपनी सरलता बनी रहेगी ।
- वृशोत्सर्ग
- एकांत में किया हुआ पाप ।
- अनिन्दनीय शुभ कर्म ।
निम्न व्यक्तियों का विरोध ना करें -
- रसोई बनाने वाला ।
- शस्त्रधारी से अकेले में विरोध ना करें । "ज्ञानी के हम गुरु है, मुरख के हम दास । उसने दिखाई छड़ी तो हमने जोड़े हाथ ॥"
- आपके जीवन के गुप्त रहस्य जानने वाले ।
- अपने बड़े अधिकारी/स्वामी ।
- मुर्ख व्यक्ति ।
- सत्तावान
- धनवान
- वैद्य
- कवि/भाट
Karnal -18th Sep. 2010
No comments:
Post a Comment