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Tuesday, November 30, 2010

बल-वीर्य की वृद्धि के लिए

तुलसी के बीज को मिक्सी में घुमा लो और उससे साड़े तीन गुना गुड़ की चाशनी बनाकर उसमे डाल दो । फिर मटर जितनी गोलियां बना लो । २ गोली सुबह दूध के साथ लो । इससे बल-वीर्य बढेगा और यौवन आएगा ।

For improving strength and semen

Take seeds of Basil (Tulsi) and grind them out in a mixer. Put it into a jaggery syrup about three and half times its quantity. Then make small tablets of the size of peas. Take 2 tablets in the morning with milk. This improves body strength- semen and rejuvenates youth.

Delhi Sarita Vihar-21st Nov. 2010

चिकनगुनिया

तुलसी व गेंदे का पौधा घर में रखो । नीम का धुआं और गोबर के कंडे में घी की कुछ बुँदे डालकर धुआं करो । इसमें प्राणायाम करो । गौ चन्दन धुप जलाओ । नीम और अशोक के पत्तों का तोरण घर के दरवाजे कर बांधो ।

Chickengunya

Grow Basil (Tulsi) and Marigold plants at home. Light up smoke of Margosa (Neem) and burn incense sticks made of cow dung added with a few drops of cow ghee. Do pranayam in this atmosphere. Light up Gau-chandan incense sticks. Also, tie up leaves of Margosa (Neem) and Toran at the doorfront of your home.

- Pujya Bapuji Delhi Sarita Vihar-21st Nov. 2010

मन की दुर्बलता

 काजू (बच्चे ४-५ व बड़े ५-७) शहद के साथ खाने से मन की दुर्बलता दूर होती है ।

Weakness of Mind
To overcome weakness of mind, serve cashews(4-5 for children and 5-7 for adults) along with honey

- Pujya Bapuji Delhi Sarita Vihar-21st Nov. 2010

नस-नाड़ियों की कमजोरी

नस-नाड़ियों की कमजोरी में १-३ ग्राम (जैसा अनुकूल हो) अश्वगंधा १० ग्राम पानी में उबाल के दूध में डाल दो और वो दूध पीने से बल आएगा ।

Weakness in Nerves and tendons

If suffering from weakness in nerves and tendons, boil 1-3 grams(as suitable) of Ashwagandha in 10 grams of water. Then drink it along with milk which will provide added strength and vigour to your body.

- Pujya Bapuji Delhi Sarita Vihar-21st Nov. 2010

ह्रदय की मजबूती के लिए

कभी भी heart attack का डर लगे तो खं खं खं जप करना और
ह्रदय की मजबूती के लिए दालचीनी का टुकड़ा दूध में उबालकर पियों ।

नोट: टुकड़ा दिन तक दूध में उबाल सकते हैं
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Delhi Sarita Vihar-21st Nov. 2010

जोड़ों के दर्द में

१ ) मेथी दाने १५ से ५० ग्राम तक भिगा सकते है .... एक व्यक्ति के लिए ...सुबह रात के भीगे दाने मिक्सी में पीसकर ले ।
२) भोजन के समय १ ग्लास गुनगुना पानी .... उसमे ५-१० अदरक की बूंदे डाल दें अथवा आधी चुटकी सौंठ मिलाकर उस pani कों हाजमा-हजम बनाके भोजन के बीच में वो पानी पियें ।
3) एरंडी के तेल को गर्म करो और उसमे लहसुन की कलियाँ जला दो । ये तेल लगाने से जोड़ों का दर्द दूर होता है ।
४) सुबह सीधे लेट जाएँ ...श्वाश बाहर छोड़े दें और फिर योनी संकोचन- विस्तरण करें ....३५-3८ बार हो जाता है .... ऐसे थलबस्ति कहते है
५) सुबह-सुबह की धूप जोड़ो कों लगे ऐसे बैठें
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पूज्य बापूजी 21st Nov. 2010

बाल काले करने के लिए

आंवले के रस के साथ मेहँदी लगाने से बाल काले होते हैं ।

Delhi Sarita Vihar-21st Nov. 2010

पेट में गैस

काजू को तल के, उसमे काली मिर्च व नमक डालकर रख दिया । जब गैस की तकलीफ हो, २-४ काजू चबा के खाएं ।

Delhi Sarita Vihar-21st Nov. 2010

शरीर की मजबूती के लिए

रात को ५ खजूर पानी में भिगा दो । सुबह दूध के साथ या घी के साथ या ऐसे ही लो । इससे लौह तत्व व कैल्शियम बढेगा । महीने में १०-१५ दिन खाओ । इससे शरीर की कमजोरी दूर होंगी ।

Delhi Sarita Vihar-21st Nov. 2010

दांतों की मजबूती

  • आंवले का चूर्ण पानी में उबाल के कुल्ले करने से दांत मज़बूत व स्वच्छ होंगे ।
  • मुंह में सरसों के तेल को कुल्ले की तरह घुमाओ । इससे चेहरा पुष्ट होगा, भोजन में षडरस अच्छी तरह से आने लगेंगे । भोजन ग्रहण करने की व स्वाद लेने की क्षमता बढ़ेगी । फटे होंठ ठीक होंगे व दांतों की जड़ें मज़बूत होंगी ।
Rajokari-28th Nov. 2010

अविकसित / नाटे बच्चे

जो बच्चे नाटे हैं, अविकसित हैं, उन्हें नाश्ते में भरपेट पपीते का नाश्ता कराओ ।

Rajokari-28th Nov. 2010

सौंदर्य

तुलसी के चूर्ण को चेहरे पर रगड़ने से सौंदर्य खूब बढ़ता है ।

रजोकरी-28th Nov. 2010

Saturday, November 20, 2010

यादशक्ति व बल बढ़ाने के लिए

यादशक्ति और बल बढ़ाना है तो काजू (३ काजू बच्चे व ५ काजू बड़े) व मधु ज़रा लगा के चबा-चबा के खाएं । इससे यादशक्ति व बल बढेगा । पेट की वायु सम्बन्धी बीमारियाँ दूर होंगी ।
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Vadodara-18th Nov 2010

मच्छर व मक्खियाँ भगाने के लिए

गेंदे के फूल या गेंदे के फूल का गमला कमरे में और फूल बिस्तर पर रखने से मच्छर भाग जाते हैं और गुलाब के फूल रखने से मक्खियाँ भाग जाती हैं । गेंदे के फूलों का इतर लगायें । गौ चन्दन धूपजलाएं ।
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Lakheri - 14th Nov. 10

Wednesday, November 17, 2010

अश्वगंधा पाक

विधिः 480 ग्राम अश्वगंधा चूर्ण को 6 लीटर गाये के दूध में, दूध गाढ़ा होने तक पकायें। दालचीनी (तज), तेजपत्ता, नागकेशर और इलायची का चूर्ण प्रत्येक 15-15 ग्राम मात्रा में लें। जायफल, केसर, वंशलोचन, मोचरस, जटामांसी, चंदन, खैरसार (कत्था), जावित्री (जावंत्री), पीपरामूल, लौंग, कंकोल (कबाब चीनी), शुद्ध भिलावे की मिंगी, अखरोट की गिरी, सिंघाड़ा, गोखरू का महीन चूर्ण प्रत्येक 7.5-7.5 ग्राम की मात्रा में लें। रस सिंदूर, अभ्रकभस्म, नागभस्म, बंगभस्म, लौहभस्म प्रत्येक 7.5-7.5 ग्राम की मात्रा में लें। उपर्युक्त सभी चूर्ण व भस्म मिलाकर अश्वगंधा से सिद्ध किये दूध में मिला दें। 3 किलो मिश्री अथवा चीनी की चाशनी बना लें। जब चाशनी बनकर तैयार हो जाय तब उसमें से 1-2 बूँद निकालकर उँगली से देखें, लच्छेदार तार छूटने लगें तब इस चाशनी में उपर्युक्त मिश्रण मिला दें। कलछी से खूब घोंटे, जिससे सब अच्छी तरह से मिल जाये। इस समय पाक के नीचे तेज अग्नि न हो। सब औषधियाँ अच्छी तरह से मिल जाने के बाद पाक को चूल्हे से उतार लें।

परीक्षणः पूर्वोक्त प्रकार से औषधियाँ डालकर जब पाक तैयार हो जाता है, तब वह कलछी से उठाने पर तार-सा बँधकर उठता है। थोड़ा ठंडा करके 1-2 बूँद पानी में डालने से उसमें डूबकर एक जगह बैठ जाता है, फैलता नहीं। ठंडा होने पर उँगली से दबाने पर उसमें उँगलियों की रेखाओं के निशान बन जाते हैं।

पाक को थाली में रखकर ठंडा करें। ठंडा होने पर चीनी मिट्टी या काँच के बर्तन में भरकर रखें, प्लास्टिक में नहीं। 10 से 15 ग्राम पाक सुबह शहद या गाय के दूध के साथ लें।

लाभः सर्दियों में अश्वगंधा से बने हुए पाक का सेवन करने से पूरे वर्ष शरीर में शक्ति, स्फूर्ति व ताजगी बनी रहती है। यह पाक शक्तिवर्धक, वीर्यवर्धक, स्नायु व मांसपेशियों को ताकत देने वाला एवं कद बढ़ाने वाला एक पौष्टिक रसायन है। यह धातु की कमजोरी, शारीरिक-मानसिक कमजोरी आदि के लिए उत्तम औषधि है। इसके सेवन से शुक्राणुओं की वृद्धि होती है एवं वीर्यदोष दूर होते हैं। धातु की कमजोरी, स्वप्नदोष, पेशाब के साथ धातु जाना आदि विकारों में इसका प्रयोग बहुत ही लाभदायी है। यह राज्यक्ष्मा(क्षयरोग) में भी लाभदायी है। इसके सेवन से नींद भी अच्छी आती है। यह वातशामक तथा रसायन होने के कारण विस्मृति, यादशक्ति की कमी, उन्माद, मानसिक अवसाद (डिप्रेशन) आदि मनोविकारों में भी लाभदायी है। दूध के साथ सेवन करने से शरीर में लाल रक्तकणों की वृद्धि होती है, जठराग्नि प्रदीप्त होती है, शरीर में शक्ति आती है व कांति बढ़ती है। सर्दियों में इसका लाभ अवश्य उठायें।

ऋषि प्रसाद, नवम्बर 2010

बल-वीर्य-पुष्टिवर्धक दही

शीत ऋतु में दही का सेवन लाभदायी है। दही में दूध से डेढ़ गुना अधिक कैल्शियम पाया जाता है। यह दूध की अपेक्षा जल्दी पच जाता है। शीघ्र शक्ति प्रदान करने वाले द्रव्यों में से दही एक है। ताजे, मधुर दही में थोड़ी मिश्री मिलाकर मथ लें (इससे दही के दोष नष्ट हो जाते हैं) व दोपहर में भोजन के साथ खायें। इससे शरीर पुष्ट हो जाता है।

सावधानीः आम, अजीर्ण, कफ, सर्दी-जुकाम, रक्तपित्त, गुर्दे व यकृत की बीमारी एवं हृदयरोग वालों को दही का सेवन नहीं करना चाहिए।


ऋषि प्रसाद, नवम्बर 2010