कान के रोगों में- तुलसी की पत्तियों को ज्यादा मात्रा में लेकर सरसों के तेल में पकायें। पत्तियाँ जल जाने पर तेल उतारकर छान लें। ठण्डा होने पर इस तेल की 1-2 बूँद कान में डालने से कान के रोगों में लाभ होता है।
खाँसीः तुलसी के रस में अदरक का रस व शहद मिलाकर चाटने से सभी प्रकार की खाँसी में लाभ होता है।
तुलसी की मंजरी का चूर्ण बनाकर शहद के साथ चाटने से कफ, खाँसी दूर होगी तथा सीने की खरखराहट मिटेगी।
तुलसी व अडूसे के पत्तों का रस बराबर मात्रा में मिलाकर लेने से पुरानी खाँसी भी ठीक हो जाती है।
कीड़े, मच्छर काटने परः तुलसी के पत्तों का एक चम्मच रस पानी में मिलाकर पियें एवं तुलसी पीसकर कर कीड़े के काटे भाग पर लगायें।
तुलसी के पत्तों को नमक के साथ पीसकर लगाने से भौंरा, बर्र, बिच्छू के दंश की वेदना व जलन शीघ्र मिट जाती है।
लोक कल्याण सेतु, अक्तूबर 2010
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