शरीर को स्वस्थ रखने के लिए उत्तम रस-रक्तादी धातुओं की प्राप्ति जिस उपाय के द्वारा की जाती है, उसे रसायन चिकित्सा कहते है ।
(अष्टांगह्रदय, उत्तरस्थान:39.2)
रसायन औषधियों के सेवन से दीर्घायुष्य, स्मरणशक्ति, आरोग्य, चिरयौवन, देह व इन्द्रियों में उत्तम बल, शुक्रधातु की प्रचुरता व सुन्दरता की प्राप्ति होती है । रसायन द्रव्यों में आँवला व हरड सर्वश्रेष्ट है । रोगनाशन में हरड व वृद्धावस्था रोकने में आँवला श्रेष्ठ है ।
1)
आँवला : प्रात: 10 से 15 मि ली आँवले के रस में शहद व घी सम्भाग मिलाकर सेवन करने व पथ्य भोजन करने से दीर्घायुष्य की प्राप्ति होती है । वृद्धावस्था दूर रहती है । सूखे आँवले के ही समान गुणकारी है ।
2)
हरड: दो बड़ी हरड (या 3 से 4 ग्राम हरड चूर्ण) को घी में भूनकर नियमित सेवन करने से व घी पीने से शरीर में बल चिरस्थायी होता है ।
ऋतू अनुसार हरड सेवन-विधि :
निम्न द्रव्य दिये गये अनुपात में मिलाकर प्रात: हरीतकी (हरड) का निरंतर सेवन करने से सभी प्रकार के रोगों से रक्षा होती है ।
ऋतू
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मिश्रण
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अनुपात
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शिशिर
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हरड + पीपर
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8
भाग : 1
भाग
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वसंत
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हरड + शहद
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समभाग
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ग्रीष्म
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हरड + गुड
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समभाग
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वर्षा
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हरड + सैंधव
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8
भाग : 1
भाग
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शरद
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हरड + मिश्री
|
2
भाग : 1
भाग
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हेमंत
|
हरड + सौंठ
|
4
भाग : 1
भाग
|
3) त्रिफला : हरड, आँवला व बहेड़ा के सम्मिश्रण से बने 'त्रिफला चूर्ण' में घी-मिश्री अथवा शहद मिलाकर खाने से शरीर बलवान बनता है । शरीर की शुद्धि व पुष्टि दोनों कार्य सम्पन्न होते है ।
4) शतावरी : शतावरी की ताजी जड़ का 10 से 20 मि ली रस दूध में मिलाकर पीने से शरीर बलवान व पुष्ट होता है । शुक्र व् ओज क्षय के कारण उत्पन्न शारीरिक व मानसिक दुर्बलता को दूर करने के लिए शतावरी अत्यंत उपयुक्त है । ताजा रस सम्भव न हो तो 3 से 5 ग्राम शतावरी चूर्ण मिश्रीयुक्त दूध में मिलाकर लें ।
5) पुनर्नवा : ताजी पुनर्नवा की 20 ग्राम जड़ पीसकर दूध के साथ एक वर्ष तक सेवन करने से जीर्ण शरीर भी नया हो जाता है । ताज़ी पुनर्नवा उपलब्ध न होने पर पानी के साथ पुनर्नवा अर्क या गोलियों का उपयोग कर सकते है ।
6) अश्वगंधा या विदारीकंद अथवा सफेद मूसली का 2 से 3 ग्राम चूर्ण गाय के दूध, घी अथवा गर्म जल के साथ लेने से शरीर अश्व के सामान बलवान हो जाता है । उपर्युक्त प्रयोगों में दूध, घी देशी गाय का ही लें तथा शुद्ध शहद का उपयोग करें ।
निर्देश : बालक व वृद्ध रसायन के अधिकारी नहीं है । इसका सेवन प्रात: खाली पेट करें । इसके साथ देश, ऋतू, प्रकृति व जठराग्नि के अनुसार हितकर आहार-विहार करें । स्त्री-सम्पर्क का त्याग आवश्यक है । इनसे हम थोड़े समय और थोड़े खर्च से मूल्यवान स्वास्थ्य प्राप्त कर सकते है ।
Rasayan Chitiksa for curing dotage, diseases and ailmentsTo keep oneself healthy, making use of the best naturally occurring elements and herbal extracts is called as Rasayan Chikitsa.
(AshtangaHyridaya, Uttarsthaan: 39.2)
Such natural extracted medicines offer longevity, sharp memory,
health, eternal youth, strength to body & main sense organs and
augments semen strength and instills beauty. Of all rasayan elements,
Amla and Harad are considered to be supreme. Harad offers protection
from diseases and Amla prevents early onset of oldage.
1) Amla : Early morning, take 10-15 ml of amla juice mixed
with equal proportions of honey and ghee. Taking easily digestible meals
along with this treatment helps attain long life. This practice keeps
old age at bay. It is as beneficial as dry amla.
2) Harad: Taking two large seeds of Harad (or 3 to 4 grams of
Harad Churna) roasted in ghee and regular intake of ghee helps sustain
elevated physical strength for a long time.
Procedure for Seasonal Harad intake:
Regular intake of following mixtures helps alleviate any diseases across various seasons.
Season
|
Mixture
|
Proportions
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Winter
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Harad + Sacred Fig
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8
parts : 1 part
|
Spring
|
Harad + Honey
|
Equal parts
|
Summer
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Harad + Jaggery
|
Equal parts
|
Rainy
|
Harad + Rock salt
|
8
parts : 1 parts
|
Fall
|
Harad + Rock sugar
|
2 parts : 1 parts
|
Autumn
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Harad + Dry Ginger
|
4 parts : 1 parts
|
3) Triphala : Harad, Amla and Behda mixed in equal
proportions is called as "Triphala Churna". Taking this along with
ghee-rock sugar or honey invigorates physical strength. It does the task
of both purifying the body and also delivering the essential nutrients.
4) Asparagus : Extracting about 10-20 ml juice from fresh
roots of Asparagus and drinking it with milk offers physical strength to
the body. The weakness experienced by the body and mental fragility on
account of excessive loss of semen can be overcome by using this. If you
cannot find fresh extract, you can also use 3 to 5 grams of Asparagus
powder and have it with mixed with rock sugar in milk.
5) Punarnava : One who takes 20 grams of fresh punarnava
roots mashed up with milk for a year, even his frail body will turn into
a new one. If one cannot arrange for fresh Punarnava, they can also
make use of Punarnava ark or tablets.
6) Ashwagandha or Vidarikand or White Muesli : Taking 2 to 3
grams of this powder along with milk, ghee or with warm water instills
the power of a horse in the body. In this treatment, use only milk and
ghee from indigenous cows and use pure honey only.
Special instructions : Young children and old people are not
worthy of these medicines. These medicines are to be taken only on an
empty stomach. Along with these medicines, take precaution and care with
intake of meals in accordance with seasons, place, nature and digestive
strength. One must abstain from female contact during this period.
With these medicines, we can augment our health with very minimal
investment of time and money.
- Lok Kalyan Setu Dec' 2012