Search This Blog

Thursday, January 30, 2014

लौकी द्वारा स्वास्थ्य-सुरक्षा


o    लौकी पौष्टिक, कफ-पित्त शामक, वीर्यवर्धक, रुचिकर, शीतल, रेचक तथा ह्रदय के लिए बलप्रद, गर्भपोषक तथा गर्भावस्था की कब्जियत दूर करती है | इसका तेल मस्तिष्क की गर्मी दूर करता है | क्षयरोगियों के लिए लौकी बहुत हितकर है |
o    २० से २५ मि.ली. लौकी के रस में आधा चम्मच शहद या शक्कर मिलाकर लेने से शरीर का दाह, गले की जलन, रक्तविकार, फोड़े, शीतपित्त आदि रोगों में लाभ होता है |
o    २ से ४ चम्मच लौकी के रस में पाँव चम्मच जीरा चूर्ण व एक चम्मच शहद मिलाकर सुबह खाली पेट लेने से ह्रदय के स्नायुओं को बल मिलता है,  पित्त के कारण होनेवाली पेट और छाती की जलन कम होती है, भोजन में रूचि बढती है | प्रयोग के एक घंटे बाद तक कुछ न लें |
o    ताज़ी लौकी को कद्दूकश कर घी में भुन लें | इसमें मिश्री, जीरा, सेंधा नमक डाल के खाने से धातु का पोषण होकर शरीर स्वस्थ्य बनता है | इससे शौच साफ़ आता है |
o    ह्र्द्यरोगियों के लिए उबली लौकी में धनिया, जीरा, हल्दी और हरा धनिया डालकर खाना लाभदायक है |

सावधानी : 
१] अतिसार, सर्दी-खाँसी, दमे के रोगी लौकी न खायें |
२] पुरानी ( पकी ) लौकी से कब्जियत होने के कारण उसका उपयोग न करें |
३] कडवी लौकी ( तुमड़ी ) विषैली होने से उसका सेवन निषिद्ध है |

-    लोककल्याण सेतु – जनवरी २०१४ से

Health benefits of Bottlegourd
- Bottlegourd is very nutritious, alleviates cough and acidity, improves virility, tasty, cool and imparts strength to heart. It also provides nutrition to womb and helps avoid any constipation during pregnancy. Its oil also removes heat from the head. It also offers mild relief from tuberculosis type ailments.
- 20 to 25 ml of Bottlegourd extract and half teaspoon of honey or sugar helps alleviate heat in the body, burning sensation in throat, blood disorders, pimples, acidity of winter season.
- Take 2 to 5 spoon of Bottlegourd extract and add 5 spoons of cumin seed powder and one spoon of honey. Taking this mixture on an empty stomach gives strength to the heart, any burning sensation in chest and stomach caused due to acidity in stomach wanes away and also improves appetite. Make sure you do not take anything for an hour after this.
-   Take fresh grated bottlegourd and fry it lightly in clarified butter. Adding rock sugar, cumin seeds, rock salt ensures improvement in virility and general health. It also alleviates constipation.
- For people suffering from heart ailments, taking boiled bottlegourd along with coriander seeds, turmeric and coriander leaves  is also very beneficial.
Caution:

1. Those suffering from cough-cold or asthma should not consume bottlegourd.
2. Old ripe bottlegourd can cause constipation and hence must be avoided.
3. Bitter bottlegourd (Tumdi) is poisonous and must be abstained at all costs.
Lok Kalyan Setu - January 2014

मेवों द्वारा बल व स्वास्थ्य प्राप्ति


अखरोट :
१० ग्राम अखरोट को गाय के घी में भूनकर मिश्री मिला के खाने से स्मरणशक्ति तीव्र होती    है व मानसिक थकावट दूर हो जाती है | २० ग्राम अखरोट, मिश्री व केसर को दूध में मिलाकर पीने से नपुंसकता में लाभ होता है |

अंजीर : इसमें लौह प्रचुर मात्रा में होने से रक्त की वृद्धि होती है | यह रक्त की शुद्धि भी करता है | इसमें निहित विटामिन ‘ए’ नेत्रज्योति की सुरक्षा करता है | अंजीर में पेट के मल को निष्कासित करने की विशेष क्षमता है | २ सूखे अंजीर रात को पानी में भिगोकर सुबह और सुबह भिगोकर शाम को खाने से पुराणी खाँसी, डीएमए, टी. बी., रक्तपित्त, पुराना गठिया रोग, बवासीर, पित्तजन्य त्वचाविकारों में लाभ होता है |

काजू : यह स्निग्ध, पौष्टिक, वायुशामक, पाचनशक्ति बढ़ानेवाला, जठराग्नि-प्रदीपक व शांतिदायक है | सुबह शहद के साथ ५ – ७ काजू खाने से दिमाग की कमजोरी मिटती है | किशमिश के साथ सेवन करने से रक्त की वृद्धि होती है | पानी में पीसकर चटनी बनाकर खाने से अजीर्ण, अफरा मिट जाता है | दूध के साथ सेवन करने से ह्रदय, मस्तिष्क व नाड़ी संस्थान को बल मिलता है |

बादाम : यह उत्कृष्ट वायुशामक व सप्तधातुवर्धक है | ५ भीगे हुए बादाम छिलके उतारकर २ – ३ काली मिर्च के साथ खूब पीस के मक्खन-मिश्री अथवा दूध के साथ सेवन करने से स्मरणशक्ति व नेत्रज्योति बढती है |
अमेरिकन बादाम बलहीन, सत्त्व निकाले हुए होते हैं | यदि मामरी बादाम मील जायें तो रात का भिगोया हुआ १ बादाम सुबह दाँतों से पीसकर खाने से १० बादाम खाने की ताकत मिलती है |

बादाम का तेल नाक में डालने से मस्तिष्क को शीध्र ही बल मिलता है, सिरदर्द भी मिट जाता है | इसका निरंतर प्रयोग हिस्टिरिया में बहुत लाभदायी है | गर्भवती स्त्री को ९वाँ महिना लगते ही १० ग्राम बादाम का तेल दूध व मिश्री के साथ देने से प्रसव सुलभ हो जाता है |

पिस्ता :
सूखे मेवों में आँतों को बाल प्रदान करने में पिस्ता सर्वोत्तम हैं |

सावधानी : सूखे मेवों का सेवन विशेषत: सर्दियों में तथा मात्रावत करना उचित है |

-    लोककल्याण सेतु – जनवरी २०१४ से

Health benefits of Dry fruits


English Walnut: Fry 10 grams of walnut in clarified butter and then having it with rock sugar greatly helps improve memory power. It also alleviates mental tiredness. 20 grams of walnut, rock sugar and saffron, if taken with milk can even cure impotency.
Figs: It contains ample amounts of iron which improves hemoglobin. It also purifies blood. It contains high quantity of vitamin "A" which helps maintain good eyesight. Figs also help alleviate constipation of stomach. Soaking two figs in water overnight to eat in morning and soaking them in morning and taking it in the evening can cure old cough, dma, tuberculosis, regulate blood pressure, old joint aches and many acidity related skin diseases.
Cashews: It is cool, nutritious, alleviates wind, improves digestive power and offers peace of mind. In the morning, taking 5-7 cashews with honey improves weakness of intellect. Taking it along with kismiss helps improve blood. If ground in a mixer along with water and eating it as a chutney helps cure indigestion. Taking it with milk strengthens heart, head and nerve centers of the body.
Almonds: It is a supreme medicine for alleviating wind and energises all seven key chemicals of the body. 5 soaked almonds with their skin peeled off, if grounded finely and taken with 2-3 black pepper seeds along with butter-rock sugar improves memory power and eyesight.
American almonds have all their nutrition extracted out and are not beneficial. If you can find good Mamri almonds, then soak one almond overnight and then chew it finely between your teeth and eating it provides the strength equal to 10 almonds.
Applying almond oil in your nasal passage gives instant strength to the head. It can also cure headaches. Regular application helps alleviate hysteria. When pregnant women enter their ninth month, giving them 10 grams of almond oil with milk and rock sugar will ensure that child birth will happen smoothly.
Pistachios: In mixed dry fruits, pistachios are most beneficial in offering strength to intestines.
Caution: Dry mixed fruits should only be taken in winter season and in limited quantities.
Lok Kalyan Setu - January 2014 issue.

Saturday, January 25, 2014

स्वास्थवर्धक विशेष प्रयोग –


यौवनदाता :
१० – १५ ग्राम गाय के घी के साथ २५ ग्राम आँवले का चूर्ण, ५ ग्राम शहद तथा १० ग्राम तिल का तेल मिलाकर प्रात: सेवन करने से दीर्घकाल तक युवावस्था बनी रहती है |

यादशक्ति बढ़ने हेतु : प्रतिदिन १५ से २० मि.ली. तुलसी रस व एक चम्मच च्यवनप्राश का थोडा-सा घोल बना के सारस्वत्य मंत्र अथवा गुरुमंत्र जपकर पियें | ४० दिन में चमत्कारिक फायदा होगा |

वीर्यवर्धक योग :
४ – ५ खजूर रात को पानी में भिगो के रखें | सुबह १ चम्मच मक्खन, १ इलायची व थोडा-सा जायफल पानी में घिसकर उसमें मिला के खाली पेट लें | यह वीर्यवर्धक प्रयोग है |

-    ऋषिप्रसाद – जनवरी २०१४ से

Special health tip

Youthfulness: 10-15 grams of clarified butter along with 25 grams of amla powder, 5 grams of honey and 10 grams of sesame oil when taken together early in the morning can help ensure longevity and youthfulness for a long time.

Improving memory: Take 15-20ml of basil extract and one spoon of Chawanprash mixed together to form a light mixture and consume it daily after reciting Saraswat or Guru mantra. You will find amazing changes within 40 days.
Improving virility:  Soak 4-5 dates overnight in water. In the morning along with the dates, take one spoon of butter, one elaichi and a little nutmeg powder with little water and eat it on an empty stomach. This will improve virility.
Rishi Prasad - January 2014

सर्वफलप्रदायक माघ मास व्रत

(माघ मास : 16th Jan 2014 to 14th Feb 2014 )

पुण्यदायी स्नान सुधारे स्वभाव

माघ मास में प्रात:स्नान (ब्राम्हमुहूर्त में स्नान) सब कुछ देता है | आयुष्य लम्बा करता है, अकाल मृत्यु से रक्षा करता है, आरोग्य, रूप, बल, सौभाग्य व सदाचरण देता है | जो बच्चे सदाचरण के मार्ग से हट गये है उनको भी पुचकार के, इनाम देकर भी प्रात:स्नान कराओ तो उन्हें समझाने से, मारने-पीटने से या और कुछ करने से वे उतना नहीं सुधर सकते हैं, घर से निकाल देने से भी इतना नहीं सुधरेंगे जितना माघ मास में सुबह का स्नान करने से वे सुधरेंगे |

तो माघ स्नान से सदाचार, संतानवृद्धी, सत्संग, सत्य आयर उदारभाव आदि का प्राकट्य होता है | व्यक्ति की सुरता माने समझ उत्तम गुणों से सम्पन्न हो जाती है | उसकी दरिद्रता और पाप दूर हो जाते हैं | दुर्भाग्य का कीचड़ सुख जाता है | माघ मास में सत्संग-प्रात:स्नान जिसने किया, उसके लिए नरक का डॉ सदा के लिए खत्म हो जाता है | मरने के बाद वह नरक में नहीं जायेगा | माघ मास के प्रात:स्नान से वृत्तियाँ निर्मल होती हैं, विचार ऊँचे होते हैं | समस्त पापों से मुक्ति होती है | ईश्वरप्राप्ति नहीं करनी हो तब भी माघ मास का सत्संग और पुन्यस्नान स्वर्गलोक तो सहज में ही तुम्हारा पक्का करा देता है | माग मास का पुन्यस्नान यत्नपूर्वक करना चाहिए |

यत्नपूर्वक माघ मास के प्रात:स्नान से विद्या निर्मल होती है | मलिन विद्या क्या है ? पढ़-लिख के दूसरों को ठगो, दारु पियो, क्लबों में जाओ, बॉयफ्रेंड – गर्लफ्रेंड करो – यह मलिन विद्या है | लेकिन निर्मल विद्या होगी तो इस पापाचरण में रूचि नहीं होगी | माघ के प्रात:स्नान से निर्मल विद्या व कीर्ति मिलती है | ‘अक्षय धन’ की प्राप्ति होती है | रूपये – पैसे तो छोड़ के मरना पड़ता है | दूसरा होता है ‘अक्षय धन’, जो धन कभी नष्ट न हो उसकी भी प्राप्ति होती है | समस्त पापों से मुक्ति और इन्द्रलोक अर्थात स्वर्गलोक की प्राप्ति सहज में हो जाती है |

‘पद्म पुराण’ में भगवान राम के गुरुदेव वसिष्ठजी कहते हैं कि ‘वैशाख में जलदान. अन्नदान उत्तम माना जाता है और कार्तिक में तपस्या, पूजा लेकिन माघ में जप, होम और दान उत्तम माना गया है |’

-    ऋषिप्रसाद – जनवरी २०१४ से


The pledge that grants all prosperity
(Maagh month: 16th Jan 2014 to 14th Feb 2014)
Holy bath that cures all bad behavior
Taking early morning bath (before twilight - Brahma-muhurta) during Maagh month grants everything. It improves longevity, averts accidental death, grants good health, strength, charisma, good luck and good etiquette. Those children who have drifted away from good behavior, then they wont improve much by scolding, rebuke or explaining as much as by simply getting them to take a shower in the early morning during Maagh month.

Maagh month grants good character, grants children, discourse, compassion towards others and many more such qualities. It is as if one becomes endowed with all great virtues. Sins and poverty run away from his life. All despondency drives away. One who listens to discourses, and take morning bath in Maagh month, all doors to hell get closed to him forever. He would never go to hell for sure. All subtle impulses become purified through morning bath in Maagh month. It grants freedom from all sins. Even if you do not want to attain realisation, even then atleast listening to discourses and taking morning bath in Maagh month will assure you an entry into heaven. One must take special care and attention to attend to this pledge.
By directed efforts, if one performs regular early morning baths in Maagh month, his knowledge becomes purified. What is impure knowledge? Cheat others after learning knowledge, drink alcohol, going to clubs, make boyfriend-girlfriend - all these are impure knowledge. But one with pure knowledge at heart will not get attracted towards such life. Taking early morning bath in Maagh month offers glory. It grants eternal wealth. After death, one will have to leave behind all the money earned. But the eternal wealth never wanes away. Freedom from all sins and entry in kingdom of Gods and heavens is easily attained. 

In 'Padma Purana', even Lord Rama's Gurudev Vashistha has exclaimed: "Donating food, water is considered supreme in Baisaakh month, conducting penances and rituals in Karthik month is considered supreme but performing recitations, hymns, offering sacrifices and all donations are considered supreme in Maagh month".
- Rishi Prasad - January 2014        


संत च्यवनप्राश


 

वीर्यवान आँवले, प्रवालपिष्टी, शुद्ध देशी घी और अन्य कुल मिलाकर ५६ द्रव्यों के आलावा हिमालय से  लायी गयी वज्रबला डालकर बनाया गया च्यवनप्राश उत्तम आयुर्वेदिक औषधि, पौष्टिक खाद्य तथा एक दिव्य रसायन है |
लाभ : बालक, वृद्ध, स्त्री-संभोग से क्षीण तथा ह्र्द्यरोगियों के लिए विशेष लाभकारी | स्मरणशक्ति व बुद्धिवर्धक तथा कांति, वर्ण और प्रसन्नता देनेवाला | खाँसी, श्वास, वातरक्त, वात व पित्तरोग, शुक्रदोष, मूत्ररोग आदि दूर करनेवाला | बुढ़ापा देरी से लानेवाला तथा टी.बी. व ह्रदयरोगनाशक तथा भूख बढ़ानेवाला है |

सेवन विधि : १ से २ चम्मच दूध या नाश्ते से पूर्व लें |
केशरयुक्त स्पेशल च्यवनप्राश भी उपलब्ध है |  (ये सभी संत श्री आशारामजी आश्रमों व समितियों के सेवाकेन्द्रों पर उपलब्ध है)

-    ऋषिप्रसाद – जनवरी २०१४ से

Sant Chawanpraash

Amla which improves virility, Pravalpisthi, pure indigenous clarified butter and many other 46 herbs including Vajrabala from Himalayan ranges are used to make Chawanprash which is one of the best ayurvedic medicine,= and a potent and pious food.
Benefits: For children, aged people, those worn out through amoral activities and for those suffering from heart diseases, Chawanprash is highly beneficial. It improves memory power, intellectual capacity, charisma, skin tone and inner happiness. Cough, breath problem, ailments related to acidity and Vaat, potency related issues, urinary ailments, etc. can be alleviated. It helps keep old age away and can help cure tuberculosis and heart ailments. It also improves appetite.
Intake: 1 to 2 spoons with milk or before breakfast.
One can also get special kesar infused Chawaprash. (These are all available with Sant Shri Asaramji ashrams, Samitis and their Seva centres)
Rishi Prasad - January 2014

संजीवनी गोली

लाभ: यह गोली व्यक्ति को शक्तिशाली. ओजस्वी, तेजस्वी व मेधावी बनाती है | इसमें सभी रोगों को नष्ट करने की प्रचंड क्षमता है | यह श्रेष्ठ रसायन द्रव्यों से सम्पन्न होने से सप्तधातु व पंचज्ञानेन्द्रियों को दृढ़ बनाकर वुद्धावस्था को दूर रखती है | ह्रदय, मस्तिष्क व पाचन-संस्थान को विशेष बल प्रदान करती है | इसमें तुलसी-बीज होने से सभी उम्रवालों के लिए यह बहुत लाभदायी है |

सेवन-विधि: छ: माह से दो साल उम्र – आधी गोली, दो से आठ साल – एक गोली, आठ – दस से ऊपरवाले – दो गोली खली पेट चूसकर लें |

सावधानी: सेवन के बाद डेढ़ –दो घंटे तक दूध न लें |

विशेष: सर्दियों में बच्चों और उनके माता-पिता के लिए ‘संजीवनी गोली’ वरदान है |

(ये सभी संत श्री आशारामजी आश्रमों व समितियों के सेवाकेन्द्रों पर उपलब्ध है)

-    ऋषिप्रसाद – जनवरी २०१४ से

शीतकाल में बलसंवर्धनार्थ : मालिश


शीतकाल बलसंवर्धन का काल है | इस काल में सम्पूर्ण वर्ष के लिए शरीर में शक्ति का संचय किया जाता है | शक्ति के लिए केवल पौष्टिक, बलवर्धक पदार्थों का सेवन ही पर्याप्त नहीं है अपितु मालिश (अभ्यंग), आसन, व्यायाम भी आवश्यक हैं | शीतकाल में मालिश विशेष लाभकारी है | आयुर्वेद के श्रेष्ठ आचार्य श्री सुश्रुताचार्यजी कहते हैं :
प्राणाश्च स्नेह्भूयिष्ठा: स्नेह साध्याश्च भवन्ति |
‘मनुष्य का जीवन स्नेह पर आधारित है तथा उसकी रक्षा भी स्नेह द्वारा ही होती है |’ (सुश्रुत चिकित्सास्थान :३१.३)
संस्कृत में स्नेह का अर्थ चिकनाई या तैल भी होता है | ‘स्वास्थ्य संहिता’ के अनुसार घी का सेवन करने से ८ गुनी ज्यादा शक्ति उतनी ही मात्रा में तैल –मर्दन अर्थात मालिश से मिलती है |

तेल से नियमित की गयी मालिश सतत कार्यरत शरीर में दृढ़ता, आघात सहने की क्षमता व प्रतिक्षण होनेवाली शरीर की क्षति की पूर्ति करती है | स्नायुओं व अस्थियों को पुष्ट कर शरीर को मजबूत व सुडौल बनाती है | मालिश से त्वचा स्निग्ध, मुलायम व कांतियुक्त बनती है, त्वचा पर झुर्रियाँ जल्दी नहीं आतीं | ज्ञानेन्द्रियाँ व कर्मेंद्रियाँ दीर्घकाल तक कार्यक्षम रहती हैं | वृद्धावस्था देर से आती है | मालिश एक श्रेष्ठ वायुशामक चिकित्सा भी है | पैर के तलुओं की मालिश करने से नेत्रज्योति बढती है, मस्तिष्क शांत हो जाता है व नींद गहरी आती है | मालिश से शारीरिक व मानसिक श्रम से उत्पन्न थकन मिटती है | मन प्रसन्न व उत्साहित रहता है | नियमित मालिश से व्यक्तित्व आकर्षक बनता है |

उपयुक्त तेल : मालिश के लिए तिल का तेल सर्वश्रेष्ठ माना गया है | यह उष्ण व हलका होने से शरीर में शीघ्रता से फैलकर स्त्रोतसों की शुद्धि करता है | यह उत्तम वायुनाशक व बलवर्धक भी है | स्थान, ऋतू, प्रकृति के अनुसार सरसों, नारियल अथवा औषधसिद्ध तेलों (आश्रम में उपलब्ध आँवला तेल) का भी किया जा सकता है | सर के लिए ठंडे व अन्य अवयवों के लिए गुनगुने तेल का उपयोग करें |

मालिश काल : मालिश प्रात:काल में करनी चाहिए | धुप की तीव्रता बढ़ने पर व भोजन के पश्चात न करें | प्रतिदिन पुरे शरीर की मालिश सम्भव न हो तो नियमित सिर व पैर की मालिश तथा कान, नाभि में तेल डालना चाहिए |

सावधानी : मालिश के बाद ठंडी हवा में न घूमें | १५ – २० मिनट बाद सप्तधान्य उबटन या बेसन अथवा मुलतानी मिट्टी लगाकर गुनगुने पानी से स्नान करें | नवज्वर, अजीर्ण व कफप्रधान व्याधियों में मालिश न करें | स्थूल व्यक्तियों में अनुलोम गति से अर्थात ऊपर से नीचे की ओर मालिश करें |

-    ऋषिप्रसाद – जनवरी २०१४ से


Thursday, January 2, 2014

स्वास्थ्यवर्धक सरल प्रयोग

Ø पुराने ज्वर में रोगी को घी और दूध अवश्य देना चाहिए | ‘सर्वज्वराणां जीर्णानां क्षीरं भैषज्यमुत्तममं’ इस वचन से पुराने ज्वर में दूध को उत्तम औषध माना है | नये ज्वर में दूध को साँप के जहर जैसा हानिकारक कहा गया है |

Ø सब प्रकार के उदर-रोगों में मट्ठे और गौमूत्र का सेवन अति लाभदायक है |

Ø स्वप्नदोष में रात्रि को मधुर पदार्थ का सेवन, रात्रि को भात खाना, अजीर्ण में भोजन, वातल पदार्थो का अति सेवन, खट्टा पदार्थ खाना, तम्बाकू, चाय आदि हानिकारक हैं | प्रात:, सायं स्वच्छ वायु में घूमना, दीर्ध श्वास लेना, सात्विक भोजन, ईश्वर-स्मरण, रात्रि को भोजन के स्थान पर केवल दूध पीना - ये सब लाभदायक हैं |

Simple tips for healthy living

- Those suffering from old fever must be given clarified butter and milk. "SARVAJWARAANAAM JIRNAANAAN KSHEERAM BHAISHJAYAMUTTAMAM" By this verse, it is shown that milk is the supreme medicine for old fever. Whereas if the fever is new, milk will act like a snake's poison.

- For all ailments of stomach, cow's urine and spiced yoghurt drink is supremely beneficial.

- For people suffering with nocturnal emissions; eating sweet foods, eating rice at night, eating food during periods of indigestion, excess consumption of spiced and fried, sour foods, tobacco, tea , etc are extremely detrimental. Going for a stroll in the morning and evening in fresh air, taking deep breaths, remembrance of God and drinking only milk in place of dinner meals, all are very beneficial.




- Lok Kalyan Setu Dec 2013

बलप्रदायक प्रयोग







बलवर्धन का काल – शीत ऋतू

शीत ऋतू में पौष्टिक पदार्थों व रसायन द्रव्यों का सेवन कर सम्पूर्ण वर्ष के लिए आवश्यक बल को युक्तिपूर्वक संगठित करना चाहिए |

बलप्रदायक प्रयोग

रात को ५० ग्राम देशी चने पानी में भिगो दें | सुबह उनमे हरा धनिया, पालक, गाजर, पत्तागोभी, मूली सब कच्चे ही काट के दाल दें | इसमें पिसी हुई काली मिर्च व सेंधा नमक मिलाकर नींबू निचोड़ दें | इस नाश्ते के रूप में खूब चबा-चबाकर खायें | दोपहर के भोजन के बाद पके हुए १ – २ केले खायें | यह प्रयोग पुरे शीतकाल में करने से शरीर पुष्ट, सुडौल व बलवान बनता है | रक्त की भी वृद्धि होती है |

एक चम्मच मक्खन, उतनी ही पिसी मिश्री व एक चुटकी पिसी हुई काली मिर्च को खूब मिलाकर चाट लें | ऊपर से कच्चे नारियल (अष्टमी को नारियल न खायें) के २ – ३ टुकड़े व थोड़ी –सी सौंफ खा लें | बाद में १ कप गर्म दूध पियें | इसे और पौष्टिक बनाने के लिए २ – ३ बादाम रात को पानी में भिगोकर सुबह चंदन की तरह घिस के मक्खन –मिश्री में मिलाकर लें |

पौष्टिक छुहारा

खजूर को सुखाकर छुहारा बनाया जाता है | सुलभ व सस्ते छुहारे अपने में शक्ति का खजाना सँजोये हुए हैं | उनमें लौह, कैल्शियम, फॉस्फोरस व ताँबा विपुल मात्रा में पाया जाता है | दूध के साथ छुहारों का सेवन करने से रक्त व मांस की वृद्धी होती है | अस्थियों मजबूत बनती हैं | वीर्य पुष्ट होता है | ह्रदय व फेफड़ों को बल मिलता है | दुर्बलता के कारण होनेवाला अनियमित मासिक समय पर होने लगता है |स्वप्नदोष तथा विभिन्न व्याधियों के कारण उत्पन्न दुर्बलता, हृदय की कमजोरी व रक्ताल्पता में दूध के साथ छुहारों का सेवन बहुत ही लाभदायी है | इससे कब्ज तथा कमर का दर्द भी दूर होता है | यह प्रयोग रात को करने से स्वर सुरीला होता है | बालकों की बिस्तर में मूत्र त्यागने की तकलीफ दूर होती है |

सेवन-विधि : २०० मि.ली. दूध में उतना ही पानी व ३ – ४ छुहारे (गुठली निकालकर) मिला के धीमी आँच पर पानी जल जाने तक उबालें | ठंडा होने पर छुहारे खाकर ऊपर से दूध पियें | दूध को अगर लोहे के बर्तन में उबाला जाय तो विशेष शक्तिदायक होगा |

इसके सेवन के बाद डेढ़-दो घंटे तक पानी नहीं पीना चाहिए | ३ – ४ माह तक लगातार सेवन करने से मुख का सौंदर्य व कांति बढती है | केश घने व लम्बे होते हैं | यह प्रयोग सभी उम्र के व्यक्तियों के लिए बलकारी है |

टिप्पणी : श्वास के रुग्ण केवल २ – २ छुहारे सुबह –शाम खूब चबा-चबाकर खायें | इससे फेफड़ों को शक्ति मिलती है एवं कफ का शमन होता है |

Winter Season - Time to rejuvenate physical strength
One must take healthy and nutritious food during winter season to systematically accumulate necessary strength for the rest of the year.
To rejuvenate strength

Soak about 50 grams of Indian grams in water overnight. In the morning, add minced green coriander, spinach, carrots, cabbage and raddish. You can also add a little black pepper or rock salt with a squeeze of lemon on top. Take this preparation as breakfast and chew it properly while eating. Taking this as breakfast meal for the entire season will make your body healthy, robust and sturdy. It also augments healthy formation of blood in the body.
One spoon of butter, add equal quantity of rock sugar and lick the mixture with an added touch of black pepper. On top of this, eat a few pieces of raw coconut (It is forbidden to eat coconut on the eight lunar day). Add a little fennel seeds to the mix. Drink a cup of milk after a while. To make it even more healthier, soak a few almond kernels overnight and then then eat them after removing its peels and finely mashing them with butter-rock sugar.

Nutritious Chhuara (Dried dates)

Dates when they are dried in sun are called chhuara. Conveniently and readily available chhuara is a powerhouse of energy. It has iron, calcium, phosphorus and copper in immense proportions.   Taking it with milk augments blood levels and growth of muscles in the body. It strengthens the bones, improves virility and imparts strength to the heart and lungs. Physical weakness which is the root cause of irregular menstrual cycles , now begins to wane away. Also, other forms  of weakness caused by nocturnal emissions or similar ailments, weakness of heart, anemic conditions and many more can be be alleviated by regular intake of chhuara with milk. It also cures constipation and back pain. Taking it in the night makes the voice melodious. Children who have trouble urinating in bed can overcome this ailment with help of chhuara.
Preparation process:
200 ml milk and equal proportion of water to be used to boil 3-4 pitted chhuaras in mild heat. Once cooled down, eat away the chhuaras and drink the milk on top of it. If the milk was boiled in iron container, it provides for added iron content in the preparation.
One must not drink water until 1-2 hours after taking this.  Regular intake for 3-4 months gives the face a radiant glow and makes one beautiful. It makes the hair grow long and black. It offers strength and rejunvenation for people across all ages.
Tips:  People suffering from breathing problems should take 2-2 chhuara kernels in the morning and evening. It must be chewed properly during intake. This will provide strength to its lungs and also help alleviate cough.
- Dec Lok Kalyan Setu 2013