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Wednesday, April 13, 2016

चंचलता मिटाने का उपाय

चंचलता – निवारण करने का अपना विचार होता है तो आदमी बहुत ऊँचा उठ जाता है | चंचलता ध्यान के द्वारा कम होती है | लम्बा श्वास लेकर दीर्घ प्रणव ( ॐकार ) का जप करो | जितना समय उच्चारण में लगे उतनी देर शांत हो जाओ | आप अपने शुद्ध ज्ञान में स्थित होंगे तो चारों प्रकार की चंचलता आसानी से मिट जायेगी, उससे होनेवाली शक्तियों का ह्रास रुक जायेगा |

१० से १२ मिनट तक ॐकार गुंजन करने तथा ॐकार मंत्र का अर्थसहित ध्यान करने से हारे को हिम्मत, थके को विश्रांति मिलती है, भूले को अंतरात्मा मार्गदर्शन करता है | विद्युत् का कुचालक आसन बिछा दे,  १० – १५ मिनट तक ध्यान करे और एकटक भगवान या गुरु की प्रतिमा अथवा ॐकार को देखता जाय तो साधारण – से – साधारण व्यक्ति भी इन चंचलताओं से ऊपर उठ जायेगा | बात को खींच - खींचकर लम्बी करने की गंदी आदत छूट जायेगी | मधुर वाणी, सत्य वाणी, हितकर वाणी जैसे सदगुण स्वाभाविक उत्पन्न होने लगेंगे |

यह प्रयोग करने से चारों प्रकार की चंचलताएँ छुट जायेंगी, व्यसन छोड़ने नही पड़ेंगे, अपने – आप भाग जायेंगे | चिंता भगाने के लिए कोई दूसरे नये उपाय नहीं करने पड़ेंगे | बुद्धिदाता की कृपा हो तो अल्प बुद्धिवाला भी अच्छी बुद्धि का धनी हो जायेगा |




स्त्रोत – ऋषिप्रसाद  एप्रिल २०१६ से 

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