ये गोलियाँ पेट के
साथ शरीर के प्रमुख अंगों, जैसे – यकृत ( Liver ),
गुर्दे ( Kidneys ),
प्लीहा ( Spleen ).
जठर तथा आँतों को मलरहित बनाकर उनकी कार्यक्षमता बढ़ाती हैं, जिससे कई साध्य और
असाध्य रोगों से रक्षा होती हैं |
ये जठराग्नि को प्रदीप्त करती हैं तथा मंदाग्नि,
संग्रहणी, पेचिश, बवासीर, उदरशूल, कब्ज, अफरा एवं त्वचा – विकारों में लाभदायी हैं
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ये कृमि व कफनाशक हैं अत: बालकों के लिए विशेष हितकर हैं |
५ से ६ महीनों तक
कोष्ठ शुद्धि कल्प का प्रयोग सभीको अवश्य करना चाहिए |
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स्त्रोत – लोककल्याण सेतु –
मई २०१६ से
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