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Sunday, April 15, 2018

विभिन्न बीमारीयों में लाभकारी कुछ औषधियाँ

१] अरुचि व मंदाग्नि : संजीवनी टेबलेट, हरड रसायन टेबलेट, घृतकुमारी रस, लीवर टॉनिक आदि |

२] अजीर्ण : संतकृपा चूर्ण, हिंगादि हरड चूर्ण |

३] दाँत-दर्द व मसूड़े की सूजन: दंत सुरक्षा तेल, दन्तमंजन आदि |

४] आमवात तथा जोड़ों का दर्द:  संधिशूलहर, रामबाण बूटी, गोझरण वटी, स्पेशल मालिश तेल आदि |

५] सूजाक : आँवला चूर्ण, आँवला रस, रसायन चूर्ण या टेबलेट आदि |


लोककल्याण सेतु – अप्रैल २०१८ से 

अच्छी सेहत के लिए ...

१] प्रात: जागरण, शयन, भोजन आदि सभी दैनंदिन कार्य समय पर व यथोचित ढंग से करें | प्राय: सभी इसे छोटी बात समझकर नजर अंदाज करते हैं किन्तु यह अच्छी सेहत की बुनियाद है | शास्त्र कहते हैं :
अर्धरोगहरि निद्रा सर्वरोगहरि क्षुधा |

२] फैशन की वस्तुओं के उपयोग एवं स्वादलोलुपता से शरीर अस्वस्थ व दुर्बल न करें बल्कि सादा व सात्त्विक भोजन और रहन-सहन से शरीर को स्वस्थ रखें |

३] अधिकांश रोगों की उत्पत्ति मानसिक अंसतोष, चिंता व उद्दिग्नता के कारण ही होती है | भगवन्नाम-जप, अजपाजप, सत्संग श्रवण-मनन करनेवाले सहज में ही इनसे बच जाते हैं |

४] कसे हुए, चटकीले-भडकीले, गहरे रंग के, तंग व कृत्रिम (सिंथेटिक) कपड़े न पहनें | ढीले-ढाले सूती वस्त्र या ऋतू-अनुसार ऊनी वस्त्र पहनें |

५] न बहुत तेज प्रकाश में पढना चाहिए न बहुत मंद प्रकाश में, दोनों नेत्रों के लिए हानिकारक हैं |

६] सूर्यकिरणों में स्नान के पूर्व सूखे तौलिये अथवा हाथों से शरीर को खूब रगड़ें | इससे रक्त-परिवहन सुचारू रूप से होने से शरीर की अनेक रोगों से रक्षा होती है |

७] सोते समय मुँह ढककर न सोयें |


लोककल्याण सेतु – अप्रैल २०१८ से 

बुद्धिवर्धक व मस्तिष्क पुष्टिकर सरल प्रयोग

१] १०-१० ग्राम अखरोट व किशमिश मिलाकर दिन में २ बार खायें, इससे दिमाग तेज होता है | किशमिश को अच्छी तरह धोकर ही उपयोग में लें |

२] प्रात:काल आँवले या तिल के तेल अथवा देशी गाय के घी से कनपटी (कान और आँख के बीच का स्थान) पर धीरे-धीरे मालिश करें |

३] स्नान करते समय सिर पर कुछ देर तक ठंडे जल की धार करें | पहले सिर पर, उसके बाद ही अन्य अंगो पर पानी डालना चाहिए |

४] जिस बात को याद रखना है उसे बार-बार दुहराते हुए यह भावना करें कि ‘यह बात तो मुझे याद रखनी ही है’ ऐसा करने से भी स्मरणशक्ति अच्छी रहती है |

५] सात्त्विक जीवन जीनेवालों की बुद्धि तीव्र रहती है |

स्मरणशक्ति, धारणाशक्ति और एकाग्रता बढ़ाने हेतु संत श्री आशारामजी आश्रम व समिति के सेवाकेन्द्रों पर उपलब्ध कुछ अद्भुत लाभकारी औषधियाँ :शंखपुष्पी सिरप,च्यवनप्राश,ब्राह्मी शरबत, तुलसी अर्क, ब्राह्मी घृत, आँवला चूर्ण आदि |

किशमिश व आँवला भृंगराज केश तेल भी उपलब्ध हैं |


लोककल्याण सेतु – अप्रैल २०१८ से 

Tuesday, April 3, 2018

स्मृति व ग्रहण शक्तिवर्धक प्रयोग

मालकांगनी (ज्योतिष्मती) उत्तम मेधाजनक है | १ से १० बूँद मालकांगनी तेल बतासे पर डालकर खायें व ऊपर से गाय का दूध पियें | ४० दिन तक यह प्रयोग करने से स्मृति व ग्रहण शक्ति में लक्षणीय वृद्धि होती है | 

इन दिनों में उष्ण, तीखे व खट्टे पदार्थो का सेवन न करें | देशी गोदुग्ध व घी का उपयोग विशेष रुप से करें |


ऋषिप्रसाद – अप्रैल २०१८ से 

आर्थिक परेशानी दूर करने हेतु

भोजन से पूर्व गीता के १५वें अध्याय का पाठ करें तथा दक्षिण की तरफ सिर करके सोयें, इससे आर्थिक परेशानी दूर होगी |


ऋषिप्रसाद – अप्रैल २०१८ से 

चटोरेपन में स्वास्थ्य को न खोयें

मिठाइयाँ व फास्ट फूड का शौक कुप्रवृतियों का कारण है | डॉ. ब्लोच लिखते हैं की मिठाई का शौक जल्दी कुप्रवृतियों की ओर प्रेरित करता है | जो बच्चे मिठाई के ज्यादा शौक़ीन होते हैं उनके पतन की ज्यादा सम्भावना रहती है और दूसरे बालकों की अपेक्षा वे हस्तमैथुन जैसे कुकर्मों की ओर जल्दी खिंच जाते हैं | तो बल व ओज-तेज के रक्षण हेतु कितना जरूरी है मिठाइयों से बचना !

मैदा और प्राणिज वसा (एनिमल फैट ) के संयोग से बननेवाले बेकरी के पदार्थ जैसे – विभिन्न प्रकार के ब्रेड, बिस्कुट, पाँव, नानखताई, पीजा, बर्गर आदि एवं बेकिंग पाउडर डाल के बनाये जानेवाले पदार्थ जैसे – नुडल्स आदि तथा सैकरीन से बनाये गये बाजारू पदार्थ जैसे – आइसक्रीम, कोल्ड ड्रिंक्स, शरबत आदि तथा मिठाइयाँ – ये सब खाने में तो स्वादिष्ट लगते हैं परन्तु स्वास्थ्य के लिए अत्यंत हानिकारक हैं | पाचन में अत्यंत भारी ऐसे पदार्थ व मिठाइयाँ खाने से कब्ज एवं मंदाग्नि होती है, जो सब रोगों का मल है | मंदाग्नि होने से सातवीं धातु (वीर्य) कैसे बन सकती हैं ? अत: अंत में नपुंसकता आ जाती हैं !

ये पदार्थ बल, बुद्धि और स्वास्थ्य के नाशक, रोगकारक एवं तमोगुण बढ़ानेवाले होते हैं | अत: इनसे आप भी बचें, औरों को भी बचायें |

ऋषिप्रसाद – अप्रैल २०१८ से 

अपने स्वास्थ्य की रक्षा करो

चॉकलेट से बहुत हानि होती है | इसमें कई केमिकल पड़ते हैं | इससे चॉकलेट खानेवाले बच्चों में मानसिक व्यग्रता, उत्तेजना, अवसाद और क्रोध बढ़ जाता है, पेटदर्द, जोड़ों का दर्द और दाँतों के रोग भी बढ़ जाते हैं | सिरदर्द की बीमारी पकड़ लेती है |

बेटे-बेटियो ! चॉकलेट, चाय-कॉफ़ी व फास्ट फूड से सदा दूर रहो | बेकरी की चीजें भी स्वास्थ्य के लिए अच्छी नहीं हैं | बर्गर और पीजा तो बच्चों, बड़ों सबके लिए बहुत हानिकारक हैं |


ऋषिप्रसाद – अप्रैल २०१८ से 

क्या करें, क्या न करें

क्या करें
१] सुबह खाली पेट आधा से डेढ़ गिलास गुनगुना पानी पीने से अनेक बीमारियों से रक्षा होती हैं |

२] जल्दी सोयें, जल्दी उठें | रात्रि ९ बजे से प्रात: ३-४ बजे तक की प्रगाढ़ निद्रा से ही आधे रोग ठीक हो जाते हैं |

३] किसी भी प्रकार के रोग में मौन रहने से स्वास्थ्य-सुधार में मदद मिलती है |

४] भोजन चबा-चबा के खायें व पेय चुस्की लेते हुए पियें |

क्या न करें
१] बार-बार व खुलकर भूख लगे बिना न खायें |

२] झुककर बैठना, तिनके तोड़ना, दाँतों से नाख़ून कुतरना, हाथ-मुँह जूठे रखना, अशुद्ध रहना, गाली बोलना या सुनना, पान-मसाला जैसी हलकी चीजों का सेवन करना – ये आयु कम करते हैं | अत: ऐसी गलत आदतों से बचें |

३] रात को सोते समय पैर कदापि गीले न रखें |

४] खड़े – खड़े भोजन न करें, पेय पदार्थ न पियें, हानिकारक है | बैठकर लें |


ऋषिप्रसाद – अप्रैल २०१८ से 

स्मरणशक्ति, बुद्धि व धारणा शक्ति बढ़ाने के लिए

दिमाग को कमजोर करनेवाली आदतें
१] पर्याप्त नींद न लेना २] अधिक भोजन ३] ज्यादा तली, अधिक मिर्च- मसालेवाली चीजें व बासी भोजन खाना ४] एक समय में एक से अधिक काम में दिमाग लगाना, जैसे कि पढ़ाई करते समय गाने सुनना ५] रात को खूब जागना व सूर्योदय के बाद भी सोते रहना ६] चिंता-तनाव ७] मोबाइल फोन का अति उपयोग ८] चाय- कॉफ़ी पीना ९] रज, वीर्य नाश आदि  (पृष्ठ ५ पर ‘दिव्य प्रेरणा-प्रकाश’ भी पढ़े )
ये गलत आदतें दिमाग को कमजोर करती हैं | इनसे बचें व नीचे दिये गये उपायों को अपनायें |

स्मरणशक्ति – वृद्धि व मस्तिष्क-पुष्टि के उपाय
१] देशी गाय के शुद्ध घी से सिर पर मालिश करने से दिमाग की कमजोरी दूर होती है |

२] सुबह खाली पेट आँवले का मुरब्बा खाने से ह्रदय और दिमाग को शक्ति मिलती है | १- १ चम्मच आँवला रस व शहद का मिश्रण लेने से स्मृतिशक्ति बढ़ती है |

३] सिर में लौकी का तेल लगाने से मस्तिष्क को शक्ति, ठंडक व विश्रांति मिलती है |

४] गाय के दूध में घी मिला के पीने से स्मृतिशक्ति व बुद्धि बढ़ती है | असली गोघृत मिले तो अति उत्तम है | बाजारू पैकवाला गोघृत विश्वासयोग्य नहीं होता |

५] पूज्य बापूजी से दीक्षा में प्राप्त सारस्वत्य मंत्र के जप से, भगवन्नाम के जप व ध्यान से स्मरणशक्ति , बुद्धि, निर्णयशक्ति, एकाग्रता,अनुमान शक्ति आदि के साथ सब प्रकार की योग्यताओं का अतुलनीय विकास होता है |
६] रोज सूर्यनमस्कार, सर्वांगासन आदि योगासन एवं भ्रामरी प्राणायाम करने से स्वास्थ्य, बौद्धिक व स्मरण शक्ति का विकास होता है तथा हास्य-प्रयोग करने से प्रसन्नता व स्वास्थ्य का विकास होता है |

७] नियोजन व विचार करके कार्य करने की आदत बनाने से बुद्धिशक्ति बढ़ती है |

८] लोहे के बर्तन में भोजन करने से बुद्धि का नाश होता है (उसमें भोजन बनाना हितकारी है ) | माइक्रोवेव ओवन से बने भोजन से याददाश्त व एकाग्रता में कमी, भावनात्मक अस्थिरता और बुद्धि की हानि होने की सम्भावना रहती है | स्टील के बर्तन में बुद्धिनाश का दोष नहीं माना जाता | काँसे के पात्र बुद्धिवर्धक तथा रूचि उत्पन्न करनेवाले होते हैं ( चतुर्मास में काँसे के पात्र का उपयोग वर्जित है ) |

९] रोज सिरहाने के पास गुलाब का फूल रख के सोने से स्मरणशक्ति में वृद्धि होती है व मस्तिष्क शांत रहता है | मानसिक तनाव हो तो गुलाब को नियमित रूप से सूँघने से लाभ होगा |

१०] नित्य सूर्योदय से पूर्व उठें | प्रात:काल वातावरण में प्राणवायु और ऋणायन प्रचुरता में होते हैं | इस समय उठ के प्राणायाम एवं पैदल सैर करने से ताजा ऑक्सिजन मिलता है | ऋणायन से शरीर, मन – मस्तिष्क में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है | जो विद्यार्थी प्रात: उठ के पढ़ते हैं उनका वह पढ़ा हुआ दिमाग की गहराई में सुरक्षित हो जाता है अर्थात लम्बे समय तक याद रहता है |

११] शोधों से सिद्ध हुआ हैं कि कागज पर बनाये गये संक्षिप्त आलेखों से दिमाग तेज होता है | विद्यार्थियों को अपने संक्षिप्त आलेख कम्प्यूटर, टेबलेटस, मोबइल फोन पर बनाने के बजाय कागज पर बनाने चाहिए |

१२] चुस्ततापूर्वक ब्रह्मचर्य का पालन करें |

विशेष : संत श्री आशारामजी आश्रम व समिति के सेवाकेन्द्रों पर उपलब्ध शंखपुष्पी सिरप, च्यवनप्राश,ब्राह्मी शरबत, तुलसी अर्क, ब्राह्मी घृत, आँवला चूर्ण आदि औषधियों के उपयोग से स्मरणशक्ति, धारणाशक्ति और एकाग्रता बढ़ाने में अदभुत लाभ होता है |
ऋषिप्रसाद – अप्रैल २०१८ से