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Tuesday, April 3, 2018

स्मरणशक्ति, बुद्धि व धारणा शक्ति बढ़ाने के लिए

दिमाग को कमजोर करनेवाली आदतें
१] पर्याप्त नींद न लेना २] अधिक भोजन ३] ज्यादा तली, अधिक मिर्च- मसालेवाली चीजें व बासी भोजन खाना ४] एक समय में एक से अधिक काम में दिमाग लगाना, जैसे कि पढ़ाई करते समय गाने सुनना ५] रात को खूब जागना व सूर्योदय के बाद भी सोते रहना ६] चिंता-तनाव ७] मोबाइल फोन का अति उपयोग ८] चाय- कॉफ़ी पीना ९] रज, वीर्य नाश आदि  (पृष्ठ ५ पर ‘दिव्य प्रेरणा-प्रकाश’ भी पढ़े )
ये गलत आदतें दिमाग को कमजोर करती हैं | इनसे बचें व नीचे दिये गये उपायों को अपनायें |

स्मरणशक्ति – वृद्धि व मस्तिष्क-पुष्टि के उपाय
१] देशी गाय के शुद्ध घी से सिर पर मालिश करने से दिमाग की कमजोरी दूर होती है |

२] सुबह खाली पेट आँवले का मुरब्बा खाने से ह्रदय और दिमाग को शक्ति मिलती है | १- १ चम्मच आँवला रस व शहद का मिश्रण लेने से स्मृतिशक्ति बढ़ती है |

३] सिर में लौकी का तेल लगाने से मस्तिष्क को शक्ति, ठंडक व विश्रांति मिलती है |

४] गाय के दूध में घी मिला के पीने से स्मृतिशक्ति व बुद्धि बढ़ती है | असली गोघृत मिले तो अति उत्तम है | बाजारू पैकवाला गोघृत विश्वासयोग्य नहीं होता |

५] पूज्य बापूजी से दीक्षा में प्राप्त सारस्वत्य मंत्र के जप से, भगवन्नाम के जप व ध्यान से स्मरणशक्ति , बुद्धि, निर्णयशक्ति, एकाग्रता,अनुमान शक्ति आदि के साथ सब प्रकार की योग्यताओं का अतुलनीय विकास होता है |
६] रोज सूर्यनमस्कार, सर्वांगासन आदि योगासन एवं भ्रामरी प्राणायाम करने से स्वास्थ्य, बौद्धिक व स्मरण शक्ति का विकास होता है तथा हास्य-प्रयोग करने से प्रसन्नता व स्वास्थ्य का विकास होता है |

७] नियोजन व विचार करके कार्य करने की आदत बनाने से बुद्धिशक्ति बढ़ती है |

८] लोहे के बर्तन में भोजन करने से बुद्धि का नाश होता है (उसमें भोजन बनाना हितकारी है ) | माइक्रोवेव ओवन से बने भोजन से याददाश्त व एकाग्रता में कमी, भावनात्मक अस्थिरता और बुद्धि की हानि होने की सम्भावना रहती है | स्टील के बर्तन में बुद्धिनाश का दोष नहीं माना जाता | काँसे के पात्र बुद्धिवर्धक तथा रूचि उत्पन्न करनेवाले होते हैं ( चतुर्मास में काँसे के पात्र का उपयोग वर्जित है ) |

९] रोज सिरहाने के पास गुलाब का फूल रख के सोने से स्मरणशक्ति में वृद्धि होती है व मस्तिष्क शांत रहता है | मानसिक तनाव हो तो गुलाब को नियमित रूप से सूँघने से लाभ होगा |

१०] नित्य सूर्योदय से पूर्व उठें | प्रात:काल वातावरण में प्राणवायु और ऋणायन प्रचुरता में होते हैं | इस समय उठ के प्राणायाम एवं पैदल सैर करने से ताजा ऑक्सिजन मिलता है | ऋणायन से शरीर, मन – मस्तिष्क में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है | जो विद्यार्थी प्रात: उठ के पढ़ते हैं उनका वह पढ़ा हुआ दिमाग की गहराई में सुरक्षित हो जाता है अर्थात लम्बे समय तक याद रहता है |

११] शोधों से सिद्ध हुआ हैं कि कागज पर बनाये गये संक्षिप्त आलेखों से दिमाग तेज होता है | विद्यार्थियों को अपने संक्षिप्त आलेख कम्प्यूटर, टेबलेटस, मोबइल फोन पर बनाने के बजाय कागज पर बनाने चाहिए |

१२] चुस्ततापूर्वक ब्रह्मचर्य का पालन करें |

विशेष : संत श्री आशारामजी आश्रम व समिति के सेवाकेन्द्रों पर उपलब्ध शंखपुष्पी सिरप, च्यवनप्राश,ब्राह्मी शरबत, तुलसी अर्क, ब्राह्मी घृत, आँवला चूर्ण आदि औषधियों के उपयोग से स्मरणशक्ति, धारणाशक्ति और एकाग्रता बढ़ाने में अदभुत लाभ होता है |
ऋषिप्रसाद – अप्रैल २०१८ से    

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