(खग्रास चन्द्रग्रहण :
२७ जुलाई )
भूभाग में ग्रहण–समय : २७ जुलाई के रात्रि ११-५४ से २८ जुलाई प्रात: ३-५० तक (
पूरे भारत में दिखेगा, नियम पालनीय )
जानिये चन्द्रग्रहण –
संबंधी महत्त्वपूर्ण बातें :
१] चन्द्रग्रहण में
ग्रहण के तीन प्रहर ( ९ घंटे ) पूर्व से सूतक लगता है | सूतक व ग्रहण काल में भोजन
नहीं करना चाहिए | बूढ़े, बालक और रोगी ग्रहण प्रारम्भ होने से डेढ़ प्रहर ( ४.५
घंटे ) पूर्व तक खा सकते हैं |
२] सूतक ( ग्रहण-वेध )
के पहले जिन पदार्थों में कुश या तुलसी-पत्ते डाल दियें जाते हैं, वे सूतक व ग्रहण
काल में दूषित नहीं होते |
३] भगवान वेदव्यासजी
कहते हैं : ‘सामान्य दिन से चन्द्रग्रहण में किया गया पुण्यकर्म (ध्यान, जप, दान
आदि ) एक लाख गुना और गंगाजल पास में हो तो एक करोड़ गुना फलदायी होता है |’
४] ग्रहण के समय
गुरुमंत्र, इष्टमंत्र अथवा जो भगवन्नाम जपते हों उसका जप अवश्य करें, न करने से
मंत्र को मलिनता प्राप्त होती हैं |
[विस्तृत जानकारी हेतु
पढ़े आश्रम व समिति के सेवाकेन्द्रों पर उपलब्ध पुस्तक ‘क्या करें, क्या न करें ?’
]
ऋषिप्रसाद – जुलाई २०१८ से
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