बादाम शारीरिक, मानसिक व बौद्धिक
स्वास्थ्य को बढ़ाकर दीर्घायु बनाने में मदद करता है | आयुर्वेदानुसार बादाम मधुर,
स्निग्ध, उष्ण, पचने में भारी, वजन बढ़ानेवाला, बलकारक, मांस व शुक्र वर्धक,
हड्डियों को मजबूत बनानेवाला, स्नायु एवं तंत्रिकाओं को बल देनेवाला, वातनाशक तथा
कफ-पित्तवर्धक है |
आधुनिक अनुसंधान के अनुसार बादाम में
विटामिन ‘ई’ तथा कैल्शियम, ताम्र, लौह, मैग्नेशियम, फॉस्फोरस, पोटैशियम, जिंक,
मैंगनीज आदि खनिज प्रचुर मात्रा में पायें जातें हैं |
बादाम का सेवन ह्रदयविकार के खतरे को
बढ़ानेवाले हानिकारक कोलेस्ट्रॉल को घटाता है, साथ ही लाभदायी कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाता
है, जिससे ह्रदय व रक्तवाहिनियों से संबंधित रोगों की सम्भावना कम हो जाती है | यह
स्तन-कैंसर व बड़ी आँत के कैंसर के खतरे को भी कम करता है | इसमें मस्तिष्क की
दुर्बलता को कम करने और उसे शक्ति देने का गुण है |
बादाम का सेवन स्मरणशक्ति बढ़ाता है |
आँखों की रोशनी बढ़ाने में लाभदायक है | इसे अंजीर के साथ खाने से कब्ज में लाभ
होता है |
बादाम का दूध एवं मक्खन
बादाम के उपयोग का उत्तम तरीका इसका
मक्खन बनाकर सेवन करना है | इन्हें रातभर पानी में भिगोकर रखें एवं सुबह छिलका
निकाल के पीस लें, बस तैयार है बादाम का मक्खन ! इसमें पानी मिलाने से बादाम का
दूध
बन जाता है जो बहुत ही स्वादिष्ट, सुपाच्य व पौष्टिक होता है | ये दूध तथा
मक्खन शरीर द्वारा आसानी से ग्रहण कर लिये जाते हैं | जिनके आहार में प्रोटीन की
कमी रहती है तथा जिन्हें ताजा, शुद्ध दूध उपलब्ध नहीं हो पाता हो अथवा दूध अनुकूल
नहीं पड़ता हो उनके लिए बादाम का दूध व मक्खन बहुत ही लाभदायक है | सर्दियों में
रात को २ – ३ बादाम के साथ २ काजू, २
अखरोट की गिरी व ४ – ५ मूँगफली भिगो दें | सुबह पीसते समय इनके साथ थोड़ी-सी नारियल
की गिरी डाल के इनका दूध बनाकर भी लिया जा सकता है |
बादाम का पेय
रात को ३ – ४ बादाम एक कप गर्म पानी
में भिगोकर रखें | सुबह उन्हें पानी के साथ पीस लें एवं ३ – ४ मिनट पकायें | बादाम
का पेय तैयार है | २० – ४० मि.ली. पेय प्रतिदिन सेवन करने से श्वसन एवं
मूत्र-जननेन्द्रिय संस्थान के रोगों, मधुमेह तथा स्त्रियों के कमरदर्द एवं
श्वेतप्रदर में लाभ होता है |
बादाम की सेवन-मात्रा : १ से ५ बादाम
(पाचनशक्ति के अनुसार )
लोककल्याणसेतु – दिसम्बर
२०१८ से
No comments:
Post a Comment