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Sunday, June 23, 2019

आरोग्य, समृद्धि व पुण्य प्रदायक वृक्ष


आरोग्यप्रद नीम
रात को भी नीम की हवा आरोग्यप्रद है | ब्रह्मचर्य पालने में और पित्त-शमन करने में नीम का रस बड़ा काम करता है | जिनको पित्त, गर्मी या चमड़ी की तकलीफें हैं या रक्तस्त्राव बार-बार होता है, वे नीम की दातुन करके उसका रस लें तो इनमें राहत मिलेगी, नकसीर फूटना या बवासीर के मस्से या अन्य अंग से रक्त बहना कम हो जायेगा | नीम के पत्ते भी फायदा करते हैं |

चैत्र मास में नीम के फूलों का रस १५-२० दिन लेने से वर्षभर रोगप्रतिकारक शक्ति आपके साथ रहेगी | निबौलियाँ (नीम के फल) सुखा के उनका चूर्ण बना लिया | २०-२५ ग्राम चूर्ण लेकर पानी में उबाला, काढ़ा बन गया, फिर दूसरा थोडा पानी डाल के उससे नहा लिया | ५ दिन ही नहाना है, तबियत खुश हो जायेगी | रोमकूपों में नीम का असर आयेगा | पाप और शरीर के दोष मिटेंगे | अगर पेट की तकलीफें हैं तो इसी काढ़े में से एक आचमन पी भी लो, देखो क्या जादू होता है ! इससे कड़वे रस की कमी की पूर्ति हो जायेगी | प्राय: लोग तीखा, खट्टा, खारा, कसैला तो खाते हैं और मीठा तो दबा के खाते हैं, लेकिन कड़वा रस नहीं लेते | शरीर में षडरसों का असंतुलन होता है तभी शरीर बीमार होता है | इस काढ़े को पीने से इनका संतुलन बन जायेगा | कैसी चिकित्सा खोजी महापुरुषों ने !

कभी-कभी रात्रि को घर में नीम का धुआँ करना सुखदायी होता है |

पुण्यदायी आँवला
शास्त्रों में आँवले के वृक्ष की बड़ी भारी महिमा वर्णित है | आँवला सृष्टि का आदिवृक्ष है | सृष्टि की शुरुआत में भगवान् नारायण की प्रसादीस्वरूप जो कुछ गिरा, उसीमें से आँवले का वृक्ष पैदा हुआ है | इसके सुमिरन से गोदान का फल होता है | स्पर्श से दोगुना और इसका फल खाने से तिगुना फल होता है | आँवला पोषक और पुण्यदायी है | इसके वृक्ष के नीचे ध्यान, जप करने से कोटि गुना फल होता है | हमने तो सभी आश्रमों में आँवले के वृक्ष लगवा दिये |

स्वास्थ व समृद्धि प्रदायक तुलसी
एक और ख़ास बात, तुलसी बोओ | तुलसी के पौधे से जो ऑक्सीजन निकलती है वह बहुत सात्त्विक होती है, और भी बहुत सारे फायदे हैं | आयुर्वेदिक ढंग से तो गजब के फायदे हैं लेकिन हवामान की शुद्धि करने में भी फायदेमंद है तुलसी | सुबह तुलसी के ५-७ पत्तों का सेवन स्मृति और रोगप्रतिकारक शक्ति बढ़ाता है |

तुलसी के पौधे घर में लगे हों तो हानिकारक विषाणु नही आते |

ऋषिप्रसाद – जून २०१९ से

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