२१
जून : दक्षिणायन आरम्भ (पुण्यकाल : सूर्योदय से सूर्यास्त तक ) (ध्यान, जप व
पुण्यकर्म कोटि-कोटि गुना अधिक व अक्षय फलदायी )
२९
जून : योगिनी एकादशी (महापापों को शांत कर महान पुण्य देनेवाला तथा ८८०००
ब्राह्मणों को भोजन कराने का फल देनेवाला व्रत )
४
जुलाई : गुरुपुष्यामृत योग (सूर्योदय से रात्रि २-३० तक )
१२
जुलाई : देवशयनी एकादशी (महान पुण्यमय, स्वर्ग एवं मोक्ष प्रदाता तथा पापनाशक व्रत
), चातुर्मास व्रतारम्भ
१६
/ १७ जुलाई : खंडग्रास चन्द्रग्रहण (भूभाग में ग्रहण-समय : गुरुपूर्णिमा की रात्रि
में १-३१ से ४-३० तक )
ऋषिप्रसाद
– जून २०१९ से
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