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Sunday, June 23, 2019

ब्रह्मचर्य – रक्षा व १४० प्रकार की बीमारियों से सुरक्षा का उपाय :स्थलबस्ती


सुबह खाली पेट दक्षिण या पूर्व की तरफ सिर करके सीधे लेट गये | श्वास बाहर निकाल दिया और मल-त्याग करने की इन्द्रिय (गुदा) का संकोचन-विस्तारण किया | एक बार श्वास बाहर रोक के करने से ३५ बार हो जाता है | ऐसे ३ बार करेंगे तो करीब १०० बार हो जायेगा | इसे ‘स्थलबस्ती’ कहते हैं |

८० प्रकार के वायुदोष होते हैं, ४० प्रकार की पित्त-संबंधी बीमारियाँ और २० प्रकार की कफ सबंधी बीमारियाँ होती हैं |

स्थलबस्ती से ए १४० प्रकार की बीमारियाँ निकट नहीं आती हैं, अगर हैं तो भाग जाती हैं | जिसके कंधे जकड़े रहते हैं, जोड़ों में दर्द रहता है, शरीर जकड़ा रहता है वह भी स्थलबस्ती करे तो उसको भी आराम मिलेगा | इसे करने से भक्ति में भी बरकत आयेगी, व्यक्तित्व का प्रभाव भी बढ़ेगा, मन भी प्रसन्न रहेगा, कब्जियत भाग जायेगी और स्वप्नदोष, वीर्यक्षय आदि रोग मिट जायेंगे |

ऋषिप्रसाद – जून २०१९ से

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