Search This Blog

Sunday, June 23, 2019

विविध रोगों में लाभकारी त्रिदोषशामक हरड (हर्रे)


हरड मनुष्यों के लिए माता के समान हितकारी है | इसमें षडरसों में से लवण (खारा) रस छोडकर शेष सभी रस होते हैं | अत: यह वायु, कफ व पित्त – तीनों का शमन करती है | इसे चबाकर खाने जठराग्नि की वृद्धि, पीस के खाने से मल का शोधन व भून के खाने से त्रिदोष-शमन होता है तथा उबाल के खाने पर यह मल को रोकती है | सेंधा नमक के साथ खाने से कफ-संबंधी, मिश्री के साथ खाने से पित्त-संबंधी, घी के साथ खाने से वायु-संबंधी रोग और गुड़ के साथ खाने से यह समस्त व्याधियों को दूर करनेवाली होती है |



हरड रसायन योग
हरड व गुड़ के सम्मिश्रण से बना ‘हरड रसायन योग’ त्रिदोषशामक व शरीर को शुद्ध करनेवाला उत्तम रसायन है | इसको चूसकर सेवन करने से भूख खुलती है | अजीर्ण, अम्लपित्त, संग्रहणी, पेटदर्द, अफरा, कब्ज आदि पेट के विकार दूर होते हैं | छाती व पेट में संचित कफ को यह नष्ट करता है | अत: दमा, खाँसी व गले के विविध रोगों में भी यह लाभदायी है | इसके नियमित सेवन से बवासीर, आमवात, वातरक्त (gout), कमरदर्द, जीर्णज्वर, गुर्दों (kidneys) के रोग, रक्ताल्पता (anaemia) व यकृत – विकारों में लाभ होता है | यह ह्रदय के लिए बलदायक व श्रमहर है |

यह योग आश्रम की समितियों के सेवाकेन्द्रों पर ‘हरड रसायन टेबलेट’ के नाम से उपलब्ध है | विभिन्न रोगों में लाभदायी हरड के अन्य उत्पाद ‘हरड टेबलेट’‘हरडे चूर्ण’ भी सेवाकेन्द्रों पर उपलब्ध हैं |

हरड रसायन टेबलेट की सेवन – मात्रा : भोजन के दो घंटे बाद २ – २ गोलियाँ चूसकर अथवा पानी के साथ लें |

ऋषिप्रसाद – जून २०१९ से

No comments: