ग्रेवी
अर्थात शोरबा स्वास्थ्य के लिए बहुत हानिकारक है
टमाटर, दही, मूँगफली, काजू, नारियल आदि जिस भी पदार्थ की ग्रेवी बनानी होती
है, उसे पीस के प्यास, लहसुन, अदरक, मिर्च, गरम मसाला आदि के साथ तेल में तला जाता
है, जिसे उस पदार्थ की ग्रेवी कहते हैं |
आधुनिक
खोजों के अनुसार अधिक तेलयुक्त ग्रेवी का भोजन में सतत उपयोग करने से ज्ञान ग्रहण
करने एवं समझने की क्षमता कम होती है | मांसपेशियों की शक्ति व शारीरिक
कार्यक्षमता पर भी विपरीत प्रभाव पड़ता है तथा अवसाद (depression) होने का खतरा होता है
|
सब्जी में
ग्रेवी डालना पित्तवर्धक व आयुनाशक है | यह राक्षसी भोजन है | इसे न स्वयं खायें न
औरों को खिलायें | ग्रेवी और अंधाधुंध लहसुन डालने से तमोगुण बढने के कारण बुद्धि
मलिन हो जाती है और पित्त-संबंधी बीमारियाँ अच्छे ढंग से पनपती हैं | कई लोग अकारण
रोग झेलते हैं – आँखों में जलन, पैरों में जलन, पेशाब म जलन, स्वभाव में जलन....
क्या-क्या बतायें ! आपके घरवाले या सम्पर्कवाले कोई भी यह गलती करते हैं तो उन्हें
इस पाप से बचाना आपका कर्तव्य है |
ऋषिप्रसाद – सितम्बर २०१९ से
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