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Wednesday, September 11, 2019

तला हुआ आलू – गम्भीर बीमारियों का कारण


आयुर्वेद के अनुसार आलू शीतल, रुक्ष, पचने में भारी, कफ तथा वायु को बढानेवाला एवं रक्तपित्त को नष्ट करनेवाला है |

आचार्य चरक ने सभी कंदों में आलू को सबसे अधिक अहितकर बताया है | इसके नियमित सेवन से कब्ज, गैस आदि पाचनसंबंधी समस्याएँ उत्पन्न होती हैं |

आलू को तेल में तलने से वह विषतुल्य काम करता है | तले हुए आलू के पदार्थ, जैसे – चिप्स, पकौड़े आदि पचने में भारी व वातपित्त-कफवर्धक होते हैं | तले हुए चिप्स के ऊपर मिर्च, राई, नमक, गरम मसाला बुरक के खाने से स्वप्नदोष, शुक्रस्त्राव, श्वेतप्रदर आदि समस्याएँ होती हैं |

आधुनिक संशोधनों के निष्कर्ष :
१] उच्च तापमान पर या अधिक समय तक आलू को तेल में भूनने या तलने से उसमें स्वाभाविक ही एक्रिलामाइड का स्तर बढ़ता है, जो कि कैंसर – उत्पादक तत्त्व सिद्ध हुआ है |

२] एक अमेरिकन अनुसंधान के अनुसार उबला हुआ, तला हुआ, फ्रेंच फ्राइज या चिप्स आदि किसी भी रूप में आधिक बार आलू का सेवन करने से उच्च रक्तचाप का खतरा बढ़ता है |

३] कुछ शोधकर्ताओं ने तले हुए आलू के अधिक सेवन से मृत्यु-दर में वृद्धि होती पायी | इसका सेवन मोटापा व मधुमेह का भी कारण बन सकता है |

ऋषिप्रसाद – सितम्बर २०१९ से

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