Search This Blog

Monday, November 18, 2019

ज्वरनाश का उपाय


जिसको शरीर में ज्वर हो, जलन होती हो तो (ज्वररहित होने के लिए निम्नलिखित स्तुति करें | उपरोक्त पराक्रम के विस्तृत पाठ हेतु देखें हरिवंश पुराण, विष्णु पर्व, अध्याय १२२-१२३ )

ज्वरनाशक स्तुति

त्रिपाद भस्मप्रहरणस्त्रिशिरा नवलोचन: |
स में प्रीत: सुखं दधात् सर्वामयपतिर्ज्वर: ||
आद्यन्तवन्त: कवय: पुराणा: सूक्ष्मा बृहन्तोऽप्यनुशासितार: |
सर्वात्र्ज्वरान् घ्नन्तु ममानिरुद्ध-प्रद्यम्नसंकर्षवासुदेवा: ||

“जिसके तीन पैर हैं, भस्म ही आयुध है, तीन सिर हैं और नौ नेत्र हैं, वह समस्त रोगों का अधिपति ज्वर प्रसन्न होकर मुझे सुख प्रदान करे | जगत के आदि और अंत जिनके हाथों में हैं, जो ज्ञानी पुराणपुरुष, सूक्ष्मस्वरूप, परम महान और सबके अनुशासक हैं, वे अनिरुद्ध, प्रद्युम्न, संकर्षण और भगवान वासुदेव सम्पूर्ण ज्वरों का नाश करें ( इस प्रकार प्रार्थना करनेवालों का ज्वर दूर हो जाय )|”

ऋषिप्रसाद – नवम्बर २०१९ से


No comments: