क्या करें
१] जिन जोड़ों में दर्द है, सुबह उन
पर धूप लगे इस प्रकार धूप सेंकें |
२] १०० ग्राम अरंडी के तेल में
७०-८० ग्राम लहसुन की कलियाँ कूट के डाल दें और तेल को गरम करें | कलियाँ जल जायें
तो वह तेल उतारकर रख लें | उससे जोड़ों की मालिश करें |
३] गर्म कपड़े पहनें | हल्के गर्म
पानी की थैली से सिंकाई करें | सुबह टहलना, व्यायाम करना नियमितरूप से करें |
४] ८० प्रकार के वायुदोष नाशक
स्थलबस्ती सुबह खाली पेट नियमित करें |
५] जोड़ों के दर्द में संधिशूलहर
औषधि का प्रयोग बहुत लाभदायी है | यह गठिया, मधुमेह, सायटिका व मोटापे में भी
लाभकारी है |
६] २ से ४ चुटकी रामबाण बूटी
सुबह-शाम खाली पेट गुनगुने पानी के साथ लें |
७] मालिश तेल को हलका गुनगुना करके
उससे दर्द की जगह पर हलके हाथ से मालिश करें |
८] २५० ग्राम मेथीदाना दरदरा (मोटे
दानेदार) कूट के रख लें | रात को १ चम्मच भिगो के सुबह ले लें | बड़ी उम्र में
कैल्शियम और लौह तत्त्व कम बन पाते हैं | मेथी में दोनों तत्त्व पर्याप्त मात्रा
में होते हैं | यह सटीक इलाज है |
क्या न करें
१] वजन अनियंत्रित न होने दें |
वजन बढने से जोड़ों पर दबाव पड़ता है और दर्द बढ़ता है |
२] मैदे से बने पदार्थ, फास्ट फ़ूड
तथा दही, टमाटर आदि खट्टे पदार्थ, आलू, राजमा, उड़द, मटर, चावल, चीनी, तले हुए व
पचने में भारी पदार्थ न खायें | ठंडी चीजों का सेवन न करें |
३] दिन में सोना, रात्रि जागरण और
अत्यधिक व्यायाम न करें |
४] ठंडे पानी से स्नान न करें |
पंखे और ए.सी. की हवा सीधे शरीर में न लगने दें |
५] लगातार एक अवस्था में न बैठें,
ज्यादा देर तक आगे की ओर झुककर कार्य न करें | ऐसे खेल, कार्य आदि से बचें जिनमें
जोड़ों पर बार-बार और ज्यादा दबाव पड़ता हो |
६] धूम्रपान, मद्यपान न करें |
सिगरेट आदि में मौजूद हानिकारक तत्त्व जोड़ो के आसपास के ऊतको को नुक्सान पहुँचाते हैं |
ऋषिप्रसाद – नवम्बर २०१९ से
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