इस जगत की मिथ्या चीजों को महत्त्व नहीं दो | ‘इसने ऐसा क्यों किया, वैसा
क्यों किया....’ नहीं, शान्तोहं.... आनन्दो हं.... | व्यर्थ के चिंतन से बचने के
लिए ॐकार का दीर्घ गुंजन करें और सेवा खोज लें | अच्युत का सुमिरन करें | - पूज्य
बापूजी
लोककल्याण सेतु – नवम्बर २०१९ से
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