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Monday, November 18, 2019

सर्दियों में सेहत का खजाना : राजमा


प्रोटीन्स व खनिजों से भरपूर राजमा स्वादिष्ट, अत्यंत बलकारक तथा पुष्टिदायी दलहन है | यह रुक्ष, वातकारक व पचने में भारी होता है | इनमें कैल्शियम, मैंगनीज, फ़ॉस्फोरस. लौह, केरोटिन, थायमीन, राइबोफ्लेविन, नायसिन, विटामिन ‘के’, ‘बी’, ‘सी’ आदि पोषक तत्त्व पाये जाते हैं | इसमें रेशे प्रचुर मात्रा में होते हैं | इसका उपयोग राजमा करी (सब्जी), राजमा सूप आदि के रूप में किया जाता है |

राजमा रंग के आधार पर ३ प्रकार का होता है : सफेद, लाल तथा काला | यह अलग-अलग आकार का होता है |

राजमा खाने के इतने लाभ !
१] यह शरीर की रक्त-शर्करा को संतुलित बनाये रखता है अत: मधुमेह में लाभदायी है |
२] यह चरबी को बढने नहीं देता, इससे मोटापे में भी लाभदायी है |
३] यह हड्डियों को मजबूत बनाता है |
४] यह आँखों, बाल व मांसपेशियों के लिए हितकारी है |
५] स्तनपान करानेवाली माताओं के दूध की पौष्टिकता को बढ़ाता है |
६] इसका सेवन करनेवाली गर्भवती महिलाओं में फ़ॉलिक एसिड (विटामिन ‘बी-९’) की कमी नहीं होती, जिससे गर्भस्थ शिशु का विकास ठीक से होता है |
७] यह कोलेस्ट्रॉल व उच्च रक्तचाप को संतुलित रखने में मदद करता है |

राजमें का पूरा लाभ पाने हेतु
लोग राजमे को स्वादिष्ट बनाने के लिए इसमें अधिक मात्रा में तेल, गरम मसाला, प्याज आदि की ग्रेवी बना के डालते हैं | इसमें राजमें के गुणों में कमी आ जाती है और स्वास्थ्य को हानि पहुँचती है | पूरा लाभ लेने के लिए रात्रि में राजमें को गर्म पानी में भिगो दें | सुबह नरम होने तक उबालें और अदरक, काली मिर्च, दालचीनी, हींग, हल्दी, मिर्च, धनिया आदि डालकर रसेदार सब्जी बनायें ताकि पचने में सुलभ हो |

सावधानियाँ : १] राजमा अधिक मात्रा में खाने से पेट में गैस, दर्द, कब्ज, उलटी तथा मासपेशियों से संबंधित समस्याएँ हो सकती हैं |
२] यह पचने में भारी होता है अत: इसका सेवन लगातार न करें | इसे सुबह के भोजन में खायें, रात के भोजन में नहीं खायें |
३] जिनकी जठराग्नि मंद है वे लोग तथा किसी भी बिमारी में विशेषत: जोड़ों के दर्द तथा वातरक्त व्याधि में एवं वर्षा ऋतू में इसका सेवन न करें |

ऋषिप्रसाद – नवम्बर २०१९ से


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