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Monday, December 30, 2019

सूर्योपासना का पावन पुण्यदायी पर्व – मकर संक्रांति – १५ जनवरी


संक्रांति का स्नान रोग, पाप और निर्धनता को हर लेता है | जो उत्तरायण पर्व के दिन स्नान नहीं कर पाता वह ७ जन्म तक रोगी और दरिद्र रहता है ऐसा शास्त्रों में कहा गया है | 

संक्रांति के दिन देवों को दिया गया हव्य (यज्ञ, हवन आदि में दी जानेवाली आहुति के द्रव्य ) और पितरों को दिया गया कव्य (पिंडदान आदि में दिया जानेवाला द्रव्य ) सूर्यदेव की करुणा-कृपा के द्वारा भविष्य के जन्मों में कई गुना करके तुम्हें लौटाया जाता है | 

संक्रांति के दिन किये हुए शुभ कर्म करोड़ों गुना फलदायी होते हैं | सुर्यापासना और सूर्यकिरणों का सेवन, सूर्यदेव का ध्यान विशेष लाभकारी है |

इस दिन तो सूर्यदेव के मूलमंत्र का जप करना बहुत हितकारी रहेगा, और दिन भी करें तो अच्छा है | आप जीभ तालू में लगाकर इसे पक्का करिये | अश्रद्धालु, नास्तिक व विधर्मी को यह मंत्र नहीं फलता | यह तो भारतीय संस्कृति के सपूतों के लिए है | बच्चों की बुद्धि बढ़ानी हो तो पहले इस मंत्र की महत्ता बताओ, उनकी ललक जगाओ, बाद में उनको मंत्र बताओ | मंत्र है :

ॐ ह्रां ह्रीं स: सूर्याय नम: |
(पद्म पुराण)

यह सूर्यदेव का मूलमंत्र है | इससे तुम्हारा सुर्यकेन्द्र सक्रिय होगा | और यदि भगवान् सूर्य का भ्रूमध्य में ध्यान करोगे तो तुम्हारी बुद्धि के अधिष्ठाता देव की कृपा विशेष आयेगी | बुद्धि में ब्रह्मसुख, ब्रह्मज्ञान का सामर्थ्य आयेगा | अगर नाभि में सूर्यदेव का ध्यान करोगे तो आरोग्य-केंद्र सक्षम रहेगा, आप बिना दवाइयों के निरोग रहोगे |

लोककल्याण सेतु – दिसम्बर २०१९ से

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