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Monday, December 30, 2019

उत्तम संतान चाहते हैं तो ....


महान आत्माएँ धरती पर आना चाहती हैं लेकिन उसके लिए संयमी पति-पत्नी की आवश्यकता होती है | अत: उत्तम संतान की इच्छावाले दम्पति गर्भाधान से पहले अधिक-से-अधिक ब्रह्मचर्य का पालन करें व गुरुमंत्र का जप करें | अनुष्ठान करके उत्तम संतान हेतु सद्गुरु या इष्टदेव से प्रार्थना करें, फिर गर्भाधान करें |

वर्तमान समय में २७ दिसम्बर २०१९ से १५ फरवरी २०२० तक का समय तो गर्भाधान के लिए अतिशय उत्तम है |

गर्भाधान के लिए अनुचित काल
पूर्णिमा, अमावस्या, प्रतिपदा, अष्टमी, एकादशी, चतुर्दशी, सूर्यग्रहण, चन्द्रग्रहण, पर्व या त्यौहार की रात्रि ( जन्माष्टमी, श्रीराम नवमी, होली, दिवाली, शिवरात्रि, नवरात्रि आदि ), श्राद्ध के दिन, प्रदोषकाल ( सूर्यास्त का समय, सूर्यास्त से लेकर ढाई घंटे बाद तक का समय ), क्षयतिथि, एवं मासिक धर्म के प्रथम ५ दिन, माता-पिता की मृत्युतिथि, स्वयं की जन्मतिथि, संध्या के समय एवं दिन में समागम या गर्भाधान करना भयंकर हानिकारक है | दिन के गर्भाधान से उत्पन्न संतान दुराचारी और अधम होती है |

शास्त्रवर्णित मर्यादाओं का उल्लंघन नहीं करना चाहिए, नहीं तो आसुरी, कुसंस्कारी या विकलांग संतान पैदा होती है | संतान नहीं भी हुई तो भी दम्पति को कोई खतरनाक बिमारी हो जाती है |

गर्भाधान के पूर्व विशेष सावधानी
अपने शरीर व घर में धनात्मक ऊर्जा आये इसका तथा पवित्रता का विशेष ध्यान रखना चाहिए | महिलाओं को मासिक धर्म में भोजन नहीं बनाना चाहिए तथा अपने हाथ का भोजन परिवारवालों को देकर उनका ओज, बल और बुद्धि क्षीण करने की गलती कदापि नही करनी चाहिए |

गर्भाधान घर के शयनकक्ष में ही हो, होटलों आदि ऐसी-वैसी जगहों पर न हो |

ध्यान दें :त्तम समय के अलावा के समय में भी यदि गर्भाधान हो गया हो तो गर्भपात न करायें बल्कि गर्भस्थ शिशु में आदरपूर्वक उत्तम संस्कारों का सिंचन करें | गर्भपात महापाप है |

विशेष : उत्तम संतानप्राप्ति हेतु महिला उत्थान मंडल के ‘दिव्य शिशु संस्कार केन्द्रों’ का भी लाभ ले सकते हैं | सम्पर्क : ९१५७३०६३१३ / (०७९) ६१२१०७३०.

लोककल्याण सेतु – दिसम्बर २०१९ से

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